नई दिल्ली । काफी पहले से यह धारणा बनी हुई है कि जो लोग पतले (slim people) होते हैं उन लोगों की फिजिकल एक्टिविटी (physical activity) अधिक होती है या फिर चलते अधिक हैं. इसलिए वे लोग कुछ भी खा सकते हैं. लेकिन हाल ही में हुई एक स्टडी ने इस बात को गलत साबित किया है. रिसर्चर्स ने पाया कि दुबले पतले लोग बाकी अन्य लोगों की तुलना में अधिक एक्सरसाइज (excercise) नहीं करते बल्कि कम खाते हैं. कम खाने के कारण ही उनका वजन कम रहता है. इस रिसर्च में 150 काफी पतले लोग शामिल हुए थे. स्टडी से वैज्ञानिकों ने यह निष्कर्ष निकाला और इस बात को तथ्यात्मक रूप से सही साबित किया. यह स्टडी क्या कहती है? इस बारे में डिटेल में जान लीजिए.
क्या पाया स्टडी में
एबरडीन विश्वविद्यालय द्वारा की गई रिसर्च में शामिल 150 काफी पतले लोगों की डाइट और एनर्जी लेवल को देखा और उनकी तुलना 173 सामान्य लोगों से की. दो हफ्ते की स्टडी में पाया कि पतले लोगों ने 23 प्रतिशत कम फिजिकल एक्टिविटी की और बैठने में अधिक समय बिताया. इसके अलावा उन्होंने सामान्य लोगों से 12 प्रतिशत कम खाना खाया. लेकिन पाया गया कि उनका रेस्टिंग मेटाबॉलिज्म तेज था जो उन्हें सामान्य व्यक्ति की तुलना में निष्क्रिय होने पर भी अधिक कैलोरी बर्न करने में मदद करता है.
एबरडीन विश्वविद्यालय द्वारा की गई रिसर्च का नेतृत्व करने वाले प्रोफेसर जॉन स्पीकमैन ने कहा “इस स्टडी के परिणाम वास्तव में चौंकाने वाले हैं. अक्सर जब लोग दुबले लोगों से बात करते हैं तो उनसे कहते हैं कि वे जो चाहे खा सकते हैं. लेकिन हमारी स्टडी दिखाती है कि पतले लोग अधिक फिजिकल एक्टिविटी के कारण नहीं बल्कि कम खाने के कारण होते हैं. वे लोग जो खाते हैं वह सामान्य बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) श्रेणी के लोगों की तुलना में बहुत कम है.”
पतले लोग अपना 96 प्रतिशत समय कोई एक्टिविटी नहीं करते थे या फिर हल्की फिजिकल एक्टिविटी करते थे. लेकिन वे सामान्य लोग जिनका बीएमआई 21.5 से अधिक और 25 से कम था. रिसर्चर्स ने यह पाया कि जो लोग पतले हैं उनके पतले होने का कारण उनका कम खाना है. यानी कि वे कम कैलोरी का सेवन करते हैं इसलिए वे पतले होते हैं.
शोधकर्ताओं का सुझाव है कि रिसर्च में शामिल हुए दुबले-पतले लोगों ने सामान्य वजन के लोगों की तुलना में औसतन 12 प्रतिशत कम खाया होगा. लेकिन उन लोगों ने बैठे-बैठे भी कैलोरी बर्न की. इसका कारण सामान्य लोगों की तुलना में उनका मेटाबॉलिज्म तेज होना है. वास्तव में उनके शरीर में फैट लेवल के आधार पर उनका मेटाबॉलिज्म अपेक्षा से 22 प्रतिशत अधिक था. अधिक मेटाबॉलिज्म थायराइड हार्मोन के हाई लेवल से जुड़ा था जो लोगों को भूख का कम अहसास कराता है और उन्हें पतला बनाए रखता है.
पतले लोगों का मेटाबॉलिज्म होता है अधिक
रिसर्चर्स अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या स्वाभाविक रूप से पतले लोगों का मेटाबॉलिज्म अधिक होता है? उनके जीन के कारण थायराइड हार्मोन को बढ़ावा मिलता है? जो पतले लोगों का वजन बढ़ने से रुक जाता है. अभी तक मिले सबूत बताते हैं कि लगभग 1.7 प्रतिशत लोग कम वजन वाले हैं. इनमें से कुछ को इटिंग डिसऑर्डर हो सकता है या फिर कुछ लोग किसी बीमारी के कारण पतले होंगे.
हालिया स्टडी में केवल चीनी लोगों को दिखाया गया है. परिणाम बताते हैं कि स्वाभाविक रूप से दुबले-पतले लोग अपने शरीर के कम वजन और कम खाने के आधार पर ज्यादा एक्सरसाइज नहीं करते क्योंकि अध्ययन में शामिल लोगों में सामान्य वजन के लोगों की तुलना में खराब कोलेस्ट्रॉल कम होता है.
एबरडीन विश्वविद्यालय के अध्ययन के को-राइटर डॉ. सुमी हू (Dr. Sumei Hu) ने कहा, “यह मेरे लिए एक बड़ा शॉक था कि सुपर-लीन व्यक्ति सामान्य बीएमआई रेंज के लोगों की तुलना में बहुत कम एक्टिव थे. हम सोचते आ रहे थे कि दुबले व्यक्तियों को अपने शरीर के कम वजन को मेंटेन करने के लिए एक्टिव होना चाहिए, लेकिन रिजल्ट इसके विपरीत मिले.”
हर दिन कितनी कैलोरी लेनी चाहिए?
सामान्य वयस्क महिलाओं को दिन में 2,000 कैलोरी और पुरुषों को 2,500 कैलोरी लेनी चाहिए. यह एनर्जी की मात्रा पर भी निर्भर करती है जो शरीर के विभिन्न कामों को करने, पूरे दिन चलने और काम करने के लिए आवश्यक है. जो लोग बहुत अधिक एक्सरसाइज करते हैं उन्हें अधिक कैलोरी खाने की आवश्यकता होती है. यदि आप एक दिन में जितनी कैलोरी बर्न करते हैं उससे अधिक कैलोरी खाते हैं तो आप मोटे हो जाएंगे. आपके द्वारा बर्न की गई कैलोरी से कम खाने से आपका वजन कम होगा. जिन खाद्य पदार्थों को प्रोसेस्ड किया जाता है और जिनमें कार्बोहाइड्रेट, चीनी और नमक का अधिक होता है उनमें ताजे फल और सब्जियों की तुलना में अधिक कैलोरी होती है. इसलिए ऐसे फूड़्स खाने से बचना चाहिए.
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