इंदौर, अमित जलधारी। महत्वाकांक्षी इंदौर-दाहोद रेल लाइन प्रोजेक्ट के तहत छह सुरंगें और बनाना पड़ेंगी। ये सुरंगें माछलिया घाट और सरदारपुर स्थित खरमौर अभ्यारण्य क्षेत्र में बनाई जाएंगी। राइट्स ने रेल परियोजना के तहत सरदारपुर से झाबुआ के बीच करीब 64 किलोमीटर से ज्यादा लंबे सेक्शन का फिजिबिलिटी सर्वे पूरा कर लिया है। इसी सर्वे में खुलासा हुआ है कि उक्त हिस्से में छह सुरंगें बनाना पड़ेंगी, जिनकी कुल लंबाई 4.7 किलोमीटर होगी।
पहले इस हिस्से में पांच सुरंगें बनाने की योजना थी, जिनकी कुल लंबाई 5.33 किलोमीटर थी। नए सिरे से किए गए सुरंगों के सर्वे में एक सुरंग की संख्या जरूर बढ़ गई है, लेकिन लंबाई करीब पौन किलोमीटर घट गई है। राइट्स करीब सालभर से इस हिस्से का सर्वे कर रही थी। फिजिबिलिटी सर्वे पूरा होने के बाद उक्त हिस्से में जमीन लेने का रास्ता साफ हो गया है। हालांकि, घाट सेक्शन और पक्षी अभ्यारण्य वाले क्षेत्र में वन और पर्यावरण मंत्रालय से जमीन लेना बहुत समय खपाने वाला काम है, लेकिन रेल मंत्रालय ने इंदौर-दाहोद प्रोजेक्ट को विशेष दर्जा दिया हुआ है, इसलिए उम्मीद है कि यह जमीन जल्द मिल जाएगी। लोगों को डर सबसे ज्यादा डर इस बात का है कि टीही-पीथमपुर के बीच तीन किमी लंबी सुरंग 2008 से अब तक नहीं बन पाई है। ऐसे में और सुरंगें बनने में आखिर कितना समय और लगेगा।
दिसंबर-25 तक की है समय सीमा
रेलवे ने आंतरिक रूप से 205 किमी लंबी इंदौर-दाहोद रेल लाइन परियोजना का काम दिसंबर-25 तक पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। हालांकि, इसमें संदेह है क्योंकि अभी बड़े हिस्से में काम शुरू होना बाकी है। इनमें धार-अमझेरा, अमझेरा-सरदारपुर, सरदारपुर-उमरकोट और उमरकोट से झाबुआ तक का हिस्सा शामिल है। रेलवे ने झाबुआ में स्टेशन निर्माण का काम जरूर शुरू कर दिया है। इसी तरह टीही से धार के बीच भी तेजी से काम हो रहा है। धार में 2024 के अंत तक रेल लाइन शुरू करने का लक्ष्य है।
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