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    असम में भारी बारिश से बिगड़े हालात, चीनी सीमा के इलाकों से टूटा संपर्क; बह गए पुल

  • July 02, 2024

    नई दिल्‍ली(New Delhi) । असम में बाढ़ (Flood in Assam)की स्थिति बद्तर (situation worsens)होती जा रही है और जलस्तर बढ़ने की वजह से काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान(Kaziranga National Park) और टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve)में स्थित 233 वन शिविरों में से 26 प्रतिशत से अधिक जलमग्न हो गए हैं। वहीं भारत-चीन सीमा पर भी कई इलाकों से सड़क मार्ग का संपर्क कट गया है। असम राज्य आपदा प्रबंधन अथॉरिटी के मुताबिक बाढ़ प्रभावित जिलों की संखअया 12 से बढ़कर 19 हो गई है। ईटानगर में भारी बारिश की वजह से 2 से 6 जुलाई तक स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया गया है।

    पूर्वी कामेंग जिले में कुरुंग नदी पर बना पुल बाढ़ में बह गया। इसके अलावा कई घर भी बाढ़ की चपेट में आ गए। असम में लगभग 8 हजार लोगों को राहत शिविरों में शरण लेनी पड़ी है। वहीं तिनसुकिया जिले में सबसे ज्यादा 35 लोगों की मौत हो गई है। रिपोर्ट के मुताबिक काजीरंगा वन्य जीव अभयारण्य का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है और बड़ी संख्या में जानवर ऊंचे स्थान की तलाश में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-715 पार कर पूर्वी कार्बी आंगलोंग जिले के दक्षिणी हिस्से की ओर जा रहे हैं। हालांकि, बाढ़ या सड़क पार करने के दौरान किसी जानवर की मौत की खबर नहीं है।


    बाढ़ को लेकर तैयार रिपोर्ट के मुताबिक काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और टाइगर रिजर्व में स्थापित 61 वन शिविर डूब गए हैं। जलमग्न वन शिविरों में अगोराटोली रेंज के 22, काजीरंगा के 10, बागोरी के आठ, बूढ़ापहाड़ के पांच और बोकाखाट के छह शिविर शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इनके अलावा राष्ट्रीय उद्यान के बिश्वनाथ वन्यजीव प्रखंड में स्थापित 10 वन शिविर भी जलमग्न हो गए हैं।

    इसबीच, गोलाघाट जिला प्रशासन ने रविवार शाम को भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता की धारा-144 के निषेधाज्ञा लागू कर दिया है ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 715 को पार करने वाले जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। यह राजमार्ग काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से होकर गुजरता है। गोलाघाट के जिलाधिकारी विवेक श्याम पंग्योक ने बताया कि राजमार्ग पर यातायात का भारी दबाव होता है। उन्होंने कहा, ‘‘बाढ़ के दौरान राजमार्ग पर वाहनों से वन्य जीवों को आवंछित जोखिम पैदा हो सकता है।

    उन्होंने कहा कि जानवर अस्थायी रूप से कार्बी आंगलोंग स्वायत्त परिषद के अंतर्गत आने वाले प्राकृतिक ऊंचे इलाकों (पहाड़ियों) पर आश्रय के लिए प्रवास करने के लिए गलियारों का उपयोग करते हैं। सोमवार से लागू निषेधाज्ञा के मुताबिक किसी भी व्यावसायिक वाहन को काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान से गुजरने की अनुमति नहीं दी जाएगी तथा केवल निजी वाहन ही दिन के समय नियंत्रित गति से चल सकेंगे। केवल स्थानीय निजी वाहन को ही रात को राष्ट्रीय उद्यान से गुजरने की अनुमति होगी।

    मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को असम में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की और संकट से निपटने के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिया। शर्मा ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि ब्रह्मपुत्र और उसकी सभी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। उन्होंने कहा कि भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले दो से तीन दिनों तक भारी बारिश की चेतावनी दी है।

    असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुझे फोन कर स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया है।’ उन्होंने कहा कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और सेना पूरी तरह से तैयार रहेगी। शर्मा ने कहा, ”सभी मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों को स्थिति पर बारीकी से नजर रखने के लिए कहा गया है।’ अधिकारियों ने बताया कि ब्रह्मपुत्र और बराक घाटियों सहित 14 जिलों में कुल 2,70,628 लोग बाढ़ की स्थिति से जूझ रहे हैं।

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