इंदौर। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में नगरीय निकाय चुनावों (urban body elections) को लेकर अब लोग रोड पर उतर आए हैं, बता दें कि प्रदेश में निकाय चुनाव ढ़ाई साल से नही हुए हैं। अब चुनाव कराने की मांग तेज हो गई है। राजधानी भोपाल में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के बंगले के बाहर पूर्व पार्षद और अध्यक्षों ने धरना दे दिया है। प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से पूर्व पार्षद और अध्यक्ष (Former Councilor and President) पहुंचे हैं। प्रदेश में जल्द से जल्द नगरीय निकाय चुनाव कराने की मांग की है।
धरने पर बैठे पूर्व पार्षद और अध्यक्षों (Former Councilors and Presidents) का कहना है कि पिछले ढ़ाई साल से निकाय चुनाव नही हुए हैं, अगर चुनाव नहीं करवाए जा रहे हैं, तो पूर्व सरपंचों की तरह हमें भी अपना अधिकार दिया जाए। नगरीय निकाय (Civic bodies) में जनप्रतिनिधि नहीं होने के कारण जनता परेशान हो रही है, और नगरीय निकाय में अधिकारी अपनी मनमर्जी चला रहे हैं।
जानकारी के लिए आपको बता दे, मध्यप्रदेश में 400 से ज्यादा नगरीय निकाय हैं. उन सभी का कार्यकाल खत्म हो चुका है। चुनाव न होने की वजह से सरकार ने उनमें प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं। चुनाव ना होने की वजह से अब अधिकारी ही नगर सरकार (city government) चला रहे हैं। निवर्तमान और पूर्व नगरीय निकायों के सदस्य और अध्यक्ष इस बात का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है जब तक चुनाव नहीं होते तब तक प्रभार के तौर पर निवर्तमान सदस्यों और अध्यक्षों को ही प्रभार दिया जाना चाहिए।
नगरीय निकायों में आरक्षण का मामला कोर्ट (case court) में होने की वजह से चुनाव नहीं हो पा रहे हैं। ऐसा ही मामला पंच और सरपंचों के चुनाव को लेकर भी था। लेकिन सरकार ने एक फैसले के तहत पंच और सरपंचों को ही ग्राम सरकार का प्रभार फिलहाल सौंपा हुआ है। नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह के बंगले के बाहर धरना दे रहे दौलत राम गुप्ता, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, नगर पालिका नगर परिषद अध्यक्ष कल्याण संघ (Municipality Municipal Council President Welfare Association) ने कहा चुने हुए प्रतिनिधि नहीं होने की वजह से नगरीय निकायों का काम पूरी तरह रुक गया है। जनता परेशान है। सरकार ने जैसे पंच सरपंचों को प्रभार दिया है वैसे ही हमें भी प्रभार दिया जाना चाहिए। इस मामले में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह (Urban Administration Minister Bhupendra Singh) का भी बयान सामने आया था जिसमें नगरीय निकायों के चुनाव ना होने के सवाल पर उन्होंने कहा था कि यह मामला कोर्ट में है। जैसे ही कोर्ट से मामले का निपटारा होगा चुनाव संपन्न कराए जाएंगे।
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