नई दिल्ली: हर इंसान चाहता है कि वह जिंदगी में खूब तरक्की करे और घर में सुख-शांति बनी रहे. शास्त्रों के मुताबिक घर की चौखट यानि दहलीज में भगवान का वास होता है. अक्सर घर के बड़े-बुजुर्गों कहते हैं कि घर की चौखट पर खड़ा नहीं रहना चाहिए. साथ ही दादी-नानियों भी कहती हैं कि घर की दहलीज पर बैठकर भोजन नहीं करना चाहिए. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों कहा जाता है? आगे इस बरे में जानते हैं.
दहलीज के सामने बैठकर ना करें भोजन
भले ही आज के लोग हर दरवाजे पर चौखट न बनवाएं, लेकिन इस स्थान पर देवता का वास होता है. यही कारण है कि अधिकांश घरों के मेन गेट और रसोई की दहलीज लकड़ी की होती है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार घर की दहलीज पर बैठना, उस पर पैर रखकर जाना या फिर उस पर बैठना दरिद्रता को आमंत्रिण देता है.
चौखट के सामने ना खोलें जूते-चप्पल
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक चौखट का सामने जूते-चप्पल रखना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से मां लक्ष्मी का अपमान होता है और वो घर से चली जाती है. जिस कारण घर-परिवार में धन से जुड़ी समस्या लगी रहती है.
ये काम भी हैं निषेध
घर की दहलीज पर बैठकर या इसके सामने खड़े होकर नाखून नहीं काटना चाहिए. क्योंकि ऐसा करने से घर में दरिद्रता का वास होने लगता है. इसके अलावा दहलीज के सामने बैठकर मांसाहारी भोजन करने से दोष लगता है. साथ ही घर की दहलीज पर कैलेंडर या घड़ी इत्यादि नहीं टांगना चाहिए.
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