नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को कहा कि विकासात्मक वित्त (Developmental finance) तक कम पहुंच होने के कारण विकासशील अर्थव्यवस्थाओं (Developing economies) को सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को हासिल करने में बाधा पहुंच रही है। सीतारमण ने इसको लेकर 4 हजार अरब (4 ट्रिलियन) अमेरिकी डॉलर के वार्षिक वित्त पोषण अंतर (Annual funding gap) को तत्काल दूर करने की जरूरत पर बल दिया।
वित्त मंत्री सीतारमण ने तीसरे वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ शिखर सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए संबोंधित करते हुए कहा यह बात कही। उन्होंने कहा कि सतत विकास लक्ष्यों पर प्रगति में तेजी लाने और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान के लिए 4 ट्रिलियन यूएस डॉलर के वित्त पोषण अंतर को तत्काल पाटने की जरूरत है।
सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों और वैश्विक नेताओं के एक समूह को संबोधित करते हुए विकासशील अर्थव्यवस्थाओं के सामने आने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डाला और एसडीजी को प्राप्त करने के लिए आवश्यक वित्त पोषण अंतर को पाटने के लिए सहयोगी रणनीतियों का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि विकासशील देशों के लिए एसडीजी वित्तपोषण अंतर सालाना 4,000 अरब डॉलर होने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल साउथ वैश्विक अनिश्चितताओं से प्रभावित है।
सीतारमण ने कहा कि हाल में विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के अनुसार चार में एक विकासशील देश इस साल के अंत तक महामारी से पहले की तुलना में गरीब होगा। वित्त मंत्री ने कहा कि हमारे प्रयासों से जी-20 सतत वित्त तकनीकी सहायता कार्य योजना भी बनी, जिसे अब ब्राजील की अध्यक्षता में लागू किया जा रहा है।
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