नई दिल्ली (New Delhi)। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) (International Monetary Fund – IMF) को भविष्य की चुनौतियों (future challenges) से निपटने के लिए अच्छी तरह से पूंजी-संपन्न बनाए रखने की जरूरत है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आईएमएफ की नीतिगत प्राथमिकताओं एवं इसकी सदस्यता विषय पर आयोजित एक गोलमेज चर्चा में शिरकत करते हुए यह बात कही। इस गोलमेज बैठक की मेजबानी मोरक्को के मराकेच में विश्व बैंक-आईएमएफ की वार्षिक बैठक के मौके पर अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने की थी।
वित्त मंत्रालय ने एक्स पोस्ट पर जारी इस बैठक का ब्योरा देते हुए कहा कि वित्त मंत्री ने आईएमएफ के उद्देश्य और कर्ज नीतियों के अलावा इसे एक सशक्त, कोटा-आधारित और समुचित संसाधन वाला संगठन बनाने की बात कही। उन्होंने गरीबी ह्रास एवं विकास ट्रस्ट (पीआरजीटी) के वित्त पोषण और आईएमएफ के कामकाजी सुधारों के बारे में भी चर्चा की।
इससे पहले वित्त मंत्री ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा से मुलाकात की। विश्व बैंक-आईएमएफ की वार्षिक बैठक से इतर हुई इस मुलाकात के दौरान सीतारमण ने भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने जॉर्जीवा को 2024 में जी-20 से संबंधित कार्यों के भीतर और बाहर आईएमएफ के एजेंडे का समर्थन करने के लिए भारत की तत्परता से भी अवगत कराया।
उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 11 से 15 अक्टूबर तक मोरक्को के पांच दिवसीय आधिकारिक दौरे पर हैं। इस दौरान वह मोरक्को के माराकेच में होने वाली बैठकों के अलावा इंडोनेशिया, मोरक्को, ब्राजील, स्विट्जरलैंड, जर्मनी और फ्रांस के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगी।
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