उज्जैन। जहरीली शराब से 14 लोगों की मौत के बाद मुख्यमंत्री के आदेश पर गठित एसआईटी ने मामले की जांच शुरू कर दी गई है। शुक्रवार सुबह एसआईटी के सदस्य पुराने नगर निगम दफ्तर यानी रीगल टॉकीज की छत पर पहुंची, जहां आरोपित शराब बनाते थे। टीम ने वहां तैनात कर्मचारियों से भी पूछताछ की। पुलिस ने इस मामले में अब तक 71 लोगों को हिरासत में लिया है।
उज्जैन में जहरीली शराब से 36 घंटे में 14 लोगों की मौत मामले में एसआईटी ने जांच शुरू कर दी है। शुक्रवार सुबह टीम सबसे पहले निगम के पुराने दफ्तर यानी रीगल टॉकीज भवन पहुुंची। आरोपित बंद पड़े भवन की पॉर्किंग और छत पर झिंझर शराब बनाकर सप्लाई करते थे। यहां पर मौजूद कर्मचारी से पूछा कि इतने समय से यह बस चल रहा था, तुम्हें पता था या नहीं।
जहरीली शराब मामले की जांच जांच करने देर रात गृह विभाग के सचिव राजेश राजौरा, एडीजी एसके झा और रतलाम डीआईजी सुशांत सक्सेना उज्जैन पहुंचे। उधर, देर रात कलेक्टर ने जहरीली शराब बनाने वालों पर रासुका भी लगा दी। एसआईटी दो दिन बाद अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। शुक्रवार सुबह पुराने नगर निगम दफ्तर के बाद एसआईटी के सदस्य खाराकुआं थाने पहुंचे। इसके बाद टीम कहारवाड़ी भी पहुंची, जहां से शराब बनाकर पूरे शहर में सप्लाई की जा रही थी।
एसपी मनोज कुमार सिंह के अनुसार कुछ मामलों में यह साफ हुआ है कि लोगों की मौत जहरीली शराब पीने की वजह से हुई। पुलिस ने देर रात तक दबिश देकर मामले में शराब बनाकर बेचने वाले यूनुस सहित 71 लोगों को गिरफ्तार किया। यूनुस को राजस्थान बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया है। जबकि नगर निगम के अस्थाई कर्मचारी सिकंदर और गब्बर की तलाश जारी है। गिरफ्त में आए 49 आरोपी जहरीली शराब बनाने के काम में लगे हुए थे। पुलिस ने देर रात रीगल टॉकीज की छत से भी शराब बनाने का सामान जब्त किया।