इंदौर (Indore)। कल भाई-बहन के आपसी प्रेम, विश्वास और आस्था के पर्व रक्षाबंधन (Raksha Bandhan) पर भद्रा का साया रहेगा। भद्रा हटते ही बहनों को भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए लगभग साढ़े सात घंटे का समय मिलेगा। पंचांगों के अनुसार इस बार रक्षाबंधन पर 7 घंटे 39 मिनट तक भद्रा का साया रहेगा। सावन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को ही रक्षाबंधन मनाया जाता है। उसमें भी खासकर भद्रा का साया न हो, इसका विशेष ध्यान रखते हैं। राखी बांधने के लिए भद्रारहित शुभ मुहूर्त में ही भाइयों को राखी बांधी जाती है, क्योंकि भद्रा अशुभ है। उस समय में आप जो काम करते हैं, वह कार्य शुभ नहीं होता है, ऐसी धर्मशास्त्रों अनुसार मान्यता है।
7 घंटे से तक रहेगा भद्रा का साया
भद्रा कल सुबह 5.53 से दोपहर 1.32 तक रहेगी। इस भद्रा का वास स्थान धरती से नीचे पाताल लोक में है। भद्रा कहीं की भी हो, वह अशुभ होती है। इसी प्रकार राहूकाल में राखी नहीं बांधनी चाहिए।
राखी बांधने का सही समय दोपहर बाद
कल रक्षाबंधन के दिन राखी बांधने का सही समय दोपहर में ही है। बहनें भाई को दोपहर में 1 बजकर 32 मिनट से रात 9 बजकर 8 मिनट के बीच कभी भी राखी बांध सकती हैं। कल रक्षाबंधन के साथ सावन माह का समापन हो जाएगा ।
रक्षाबंधन के लिए यह है चौघडिय़ा मुहूर्त
प्रदोष काल में शाम 6.55 से रात 9.07 बजे तक। अमृत काल में 5.52 से 7.30 बजे तक। शुभ काल में रात्रि 9.08 से 10.46 तक। लाभ काल में दोपहर 3.40 से शाम 5.17 तक राखी बांधने के श्रेष्ठ मुहूर्त रहेंगे।
कल सावन सोमवार और पूर्णिमा का संयोग
कल रक्षाबंधन के दिन सावन का अंतिम सोमवार है और श्रावण पूर्णिमा का व्रत, स्नान एवं दान भी है। रक्षाबंधन के साथ सावन माह का समापन हो जाएगा। कल भगवान भोलेनाथ की पूजा करें, पवित्र नदी में स्नान करें। इससे परिवार में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
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