हाई कोर्ट ने खारिज की एफआईआर
इंदौर। कई सालों से दूसरे शहरों में रह रही पति (Husband) की दो विवाहित बहनों (Sisters) और अंकल (Uncle) को भी दहेज के लिए प्रताडऩा देने और क्रूर व्यवहार करने का आरोपी बना दिया। हाईकोर्ट (HC) ने इन तीनों के विरुद्ध दर्ज एफआईआर और ट्रायल कोर्ट में चल रही प्रोसिडिंग निरस्त करने के आदेश दिए हैं।
इंदौर की सारिका ने महिला थाने में 9 अप्रैल 2022 को दहेज के लिए प्रताडि़त करने और क्रूर व्यवहार किए जाने की रिपोर्ट लिखाई थी। इसमें जयपुर निवासी उसके पति राजेंद्र अग्रवाल और सास के अलावा पति की दो बहनों और अंकल के नाम भी लिखाए। इनमें मधु अग्रवाल सन् 87 में शादी के बाद से इंदौर में रह रही है और सरोज कनोदिया सन् 91 में शादी के पश्चात से अहमदाबाद में है। ऐसे ही पति के अंकल दामोदरप्रसाद अग्रवाल का नाम भी लिखवाया, जो भीलवाड़ा (राजस्थान) में रहते हैं। मधु, सरोज और दामोदर ने इस एफआईआर के विरुद्ध हाईकोर्ट में याचिका दायर की। इसके तर्क में कहा गया कि वे तो वर्षों से अन्य शहरों में रह रहे हैं। पुलिस ने जो चालान पेश किया उसमें भी कोई ठोस तथ्य इनके खिलाफ नहीं मिले हैं। उक्त महिला ने इसके पहले जयपुर के थाने में सन् 2013 और 2021 में भी शिकायत की थी, तब भी पति और सास के नाम लिखाए थे। इन तीनों का उसमें कोई उल्लेख नहीं था। इससे स्पष्ट है कि इन्हें झूठा फंसाया गया है। सभी के तर्क सुनने के बाद जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की बेंच ने इन तीनों की याचिका स्वीकार करते हुए इनके खिलाफ दर्ज एफआईआर और कोर्ट प्रोसिडिंग निरस्त करने के आदेश दिए। फरियादी के पति और सास के विरुद्ध मामला यथावत चलेगा।
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