इस्लामाबाद। पाकिस्तान के इस्लामाबाद स्थित अति सुरक्षित माने जाने वाले राष्ट्रपति भवन में भी महिलाएं सुरक्षित नहीं है। एक महिला एक्टिविस्ट मारिया इकबाल तराना ने सोमवार को आरोप लगाया कि उनका राष्ट्रपति भवन में अधिकारियों ने उत्पीड़न किया था। तराना ने ट्वीट कर कहा कि वह एक कार्यक्रम के सिलसिले में राष्ट्रपति भवन गईं थीं, जहां उनका अधिकारियों ने उत्पीड़न किया।
तराना का पाकिस्तान में है बड़ा नाम
पाकिस्तानी मीडिया डेली पाकिस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, मारिया इकबाल तराना शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाले एक संगठन तालीम की संस्थापक हैं। इसके अलावा वह पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में महिलाओं की स्थिति, कश्मीर के लिए यूथ फोरम और पीपुल्स कमीशन फॉर मॉइनॉरिटी राइट्स की पूर्व अध्यक्ष भी रह चुकी हैं।
तराना ने खुलासा किया कि एक कार्यक्रम के सिलसिले में उन्हें राष्ट्रपति भवन में आमंत्रित किया गया था। जब वह राष्ट्रपति भवन पहुंची तो उन्हें एक अधिकारी शारीरिक संबंध बनाने के लिए दबाव डालने लगा। जब उन्होंने इससे इनकार कर दिया, तब उस अधिकारी ने कहा कि आपको इस कार्यक्रम में नहीं बुलाया गया है। आप यहां से चले जाएं।
तराना ने इस मामले की जांच की मांग करते हुए आरोपी का नाम भी बताया। उन्होंने ट्वीट में लिखा कि जिस आदमी ने यह हरकत की वह राष्ट्रपति भवन का चीफ प्रोटोकॉल अफसर के पद पर तैनात अफाक अहमद है। तराना ने लिखा कि इस मामले की जांच की जानी चाहिए और जिम्मेदार को दंडित किया जाना चाहिए।
यह पहला वाक्या नहीं है जब पाकिस्तान के किसी बड़े ब्यूरोक्रेट्स या राजनेता पर महिलाओं के साथ ऐसी हरकत करने के आरोप लगे हैं। इससे पहले भी अमेरिकी महिला सिंथिया डी रिची ने पीपीपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृहमंत्री रहमान मलिक पर साल 2011 में रेप करने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि वह वीजा बढ़वाने के लिए रहमान के ऑफिस गईं थीं। इस दौरान उन्होंने इस घटना को अंजाम दिया था।
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