नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति मामले में गिरफ्तार आप नेता मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया. यहां पर उनकी रिमांड को लेकर सुनवाई हुई. इस दौरान ईडी ने मनीष सिसोदिया की रिमांड बढ़ाने की मांग की. कोर्ट ने उनकी रिमांड 5 दिन और बढ़ा दी है. 22 मार्च तक वो अब रिमांड में रहेंगे.
ईडी ने कोर्ट को बताया कि आलोक श्रीवास्तव ने कुछ महत्वपूर्ण जानकारी दी है जिसको लेकर अभी जांच करनी है. इसके आधार पर सी अरविंद से पूछताछ करनी है. बाद मे सी अरविंद, संजय गोयल और गोपीकृष्णा से आमना-सामना कराना है.
ईडी ने कहा कि मामले की शिकायत होते ही 22 जुलाई को मोबाइल बदला. पूछताछ में सिसोदिया बता नहीं पाए कि उस फोन का क्या किया. इसलिए इलेक्ट्रॉनिक डाटा को लेकर भी पूछताछ करनी है. ईडी ने दावा किया कि सिसोदिया के कम्प्यूटर से मिले मार्च 2019 के दस्तावेज में 5 फीसदी कमीशन था जो सितम्बर 2022 में बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया. साउथ लॉबी के कहने पर ऐसा किया गया.
सिसोदिया के वकील ने किया विरोध
सिसोदिया के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए कहा कि जो बातें ईडी कह रही है, यही बातें सीबीआई भी कोर्ट में कह चुकी है. इसमें कुछ भी नया नहीं है. वकील ने कहा कि 7 दिनों में सिर्फ 12 से 13 घंटे पूछताछ की गई है. इस पर ईडी ने कहा कि हर रोज 5 से 6 घंटे पूछताछ की गई है. हमारे पास सीसीटीवी है. गुरुवार (16 मार्च) को भी 6 घंटे पूछताछ हुई थी.
ईडी ने किया था सिसोदिया को गिरफ्तार
दिल्ली के पूर्व सीएम मनीष सिसोदिया को आबकारी नीति में बदलाव कर कथित घोटाले के आरोप में बीती 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था. तिहाड़ जेल में बंद रहने के दौरान ही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनीष सिसोदिया को 9 मार्च को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार कर लिया था.
ईडी ने दिल्ली आबकारी नीति मामले में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सिसोदिया से तिहाड़ जेल में पूछताछ भी की थी. गिरफ्तारी के बाद ईडी ने मनीष सिसोदिया को कोर्ट में पेश किया था, जहां कोर्ट ने उन्हें ईडी की रिमांड में भेज दिया था.
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