जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट में धोखाधड़ी के एक आरोपी को थाने से दी गई जमानत निरस्त करने संबंधी मामले में रोचक पहलू आया, जहां कटनी के एनकेजे माधव नगर थाना प्रभारी डीएस बघेल ने उपस्थित होकर कहा कि उन्हें अंग्रेजी भाषा की जानकारी नहीं है, जिस पर उन्होने आरोपी को बिना शर्त पूरी किये जमानत दे दी। जस्टिस विवेक अग्रवाल ने उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पष्ट किया है कि पूर्व आदेश की शर्तो का अक्षश: पालन किया जाये, वरना आरोपी शेख रफीक की जमानत निरस्त कर दी जायेगी। एकलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 20 अप्रैल को निर्धारित की है। अदालत को बताया कि आवेदक लखनलाल की शिकायत पर थाना एनकेजे माधव नगर कटनी में आरोपी शेख रफीक के खिलाफ 420 का मामला दर्ज हुआ था। जिसमें शेख रफीक ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दायर की थी। जिसमें न्यायालय ने आदेश पारित किया था कि आवेदक अभियुक्त तीन लाख 75 हजार की राशि जमा कर अग्रिम जमानत का लाभ ले सकता है, परंतु आवेदक के द्वारा पैसा जमा नहीं किया गया था और थाना प्रभारी के द्वारा उसे थाने से ही अग्रिम जमानत दे दी गई।
जिसके खिलाफ शिकायतकर्ता याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत निरस्त करने को लेकर यह मामला दायर किया था। जिस पर न्यायालय ने संबंधित थाना प्रभारी, जांच अधिकारी को न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत होने का आदेश पारित किया था। जिसमें जांच अधिकारी डीएस बघेल उपस्थित हुए एवं उन्होंने न्यायालय के समक्ष कहा कि सर मुझे अंग्रेजी नहीं आती अत: मैंने हाईकोर्ट का आदेश बिना समझे उसे जमानत दे दी। न्यायालय ने प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए यह आदेश किया कि न्यायालय द्धारा पूर्व में 3 मई 2021 की अग्रिम जमानत की सभी शर्तों का पालन किया जाए अन्यथा आरोपी की अग्रिम जमानत अर्जी निरस्त कर दी जाएगी। मामले में शिकायतकर्ता याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र ज्योतिषी एस सोनी ने पैरवी की।
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