नई दिल्ली: महंगाई और सरकारी खजाना खाली होने से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था (Pakistan Economic Crisis) बुरी तरह लड़खड़ाते हुए कंगाली की कगार पर पहुंच गई है. इस संकट से उभरने के लिए पाकिस्तानी सरकार विदेशी मुल्कों और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों से लोन के तौर पर आर्थिक सहायता मांग रही है लेकिन उसे कोई कर्ज देने को तैयार नहीं है.
ऐसे में अगर हालात श्रीलंका जैसे होते हैं तो इससे सिर्फ पाकिस्तान को ही नहीं बल्कि भारतीय कंपनियों को भी होगा. दरअसल टाटा समेत कुछ कंपनियां ज्वाइंट वेंचर के साथ पाकिस्तान में कारोबार करती है. दोनों देशों के बीच सामानों का आयात-निर्यात होता है. ऐसे में लाजिमी है कि अगर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था डुबती है तो इन भारतीय कंपनियों के कारोबार पर भी असर देखने को मिलेगा.
पाकिस्तान में टाटा और जिंदल ग्रुप का कारोबार
टाटा ग्रुप ज्वाइंट वेंचर के साथ पाकिस्तान के टेक्सटाइल्स और टेली कम्युनिकेशन इंडस्ट्री में सक्रिय है. टाटा टेक्सटाइल्स मिल्स लिमिटेड सूती धागे और कपड़े का प्रोडक्शन करने वाली दिग्गज कंपनी है, हालांकि इसके मालिक पाकिस्तानी है. वहीं, पाकिस्तान टेलीकम्युनिकेशन कंपनी लिमिटेड (PTCL) के साथ भी टाटा टेली सर्विसेज मिलकर कारोबार करती है. यह संयुक्त उद्यम पाकिस्तान में दूरसंचार और ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करता है.
भारत की दिग्गज स्टील कंपनी जिंदल स्टील का भी पाकिस्तान में बड़ा कारोबार है. जिंदल परिवार और पूर्व पीएम नवाज शरीफ के बिजनेस रिलेशन जगजाहिर हैं. जिंदल स्टील पाकिस्तान के एनर्जी सेक्टर में भी सक्रिय है इसलिए इस इस्लामिक मुल्क में चल रही बदहाली से इन भारतीय कंपनियों के व्यापार पर असर पड़ने की संभावना है.
आयात-निर्यात पर भी होगा असर
पाकिस्तान में जारी बुरे आर्थिक दौर से दोनों देशों के बीच आयात-निर्यात जैसी कारोबारी गतिविधियों पर भी असर पड़ रहा है. ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने भारत से 2021 में करीब 503 मिलियन डॉलर का आयात किया था.
इसमें मेडिकल प्रोडक्ट, केमिकल्स, चीनी और प्लास्टिक के सामान भारत से पाकिस्तान भेजे गए थे. अगर पाकिस्तान में हालात और खराब होते हैं तो इंपोर्ट-एक्सपोर्ट पर काफी असर पड़ेगा और पाकिस्तान को सामान निर्यात करने वाली भारतीय कंपनियों का बिजनेस घट सकता है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved