नई दिल्ली। कोरोना के खिलाफ भारत की जंग को जल्द ही मजबूती मिलने वाली है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो सिंगल डोज वाली स्पूतनिक लाइट वैक्सीन का उत्पादन सितंबर से भारत में ही शुरू हो जाएगा और 750 रुपये में लोगों को इसकी खुराक मिलना भी शुरू हो जाएगी। भारत में इसका उत्पादन करने वाली पनेसिया बायोटक ने ड्रग रेगुलेटर से इसके आपातकालीन इस्तेमाल की इजाजत मांगी है।
बता दें कि पनेसिया व रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड के बीच पहले ही करार हो चुका है। जुलाई में पनेसिया बायोटेक को स्पूतनिक लाइट का लाइसेंस भी मिल चुका है। हिमाचल प्रदेश के बद्दी स्थित प्लांट में यह वैक्सनी बनाई गई थी, जो क्वालिटी चेक में सफल हुई है। इसके साथ ही सेंट्रल ड्रग लैबोरेटरी ने भी इसे मंजूरी दे दी है। अब अगर ड्रग रेगुलेटर इसके आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति देते हैं तो पनेसिया बायोटक हर साल 10 करोड़ वैक्सीन बनाना शुरू कर देगी।
डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी के पास होगा वैक्सीन लगाने का जिम्मा
पनेसिया बायोटेक में बनने वाली स्पूतनिक लाइट वैक्सीन को भारत में डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरी लगाएगी। इससे पहले भी दो डोज वाली स्पूतनिक-वी वैक्सीन को भारत में लगाने का जिम्मा हैदराबाद की डॉ. रेड्डीज के पास ही है। वहीं स्पूतनिक-वी के फुल रोलआउट पर लगा होल्ड भी हटा लिया गया है, जिससे इसकी सप्लाई भी बहाल हो जाएगी।
एक्सपर्ट मानते हैं ज्यादा असरदार
स्पूतनिक लाइट को भी मागलेया इंस्टीट्यूट ने बनाया है। रशियन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट फंड ने इसे बनाने में इंस्टीट्यूट की मदद की है। मई में रूस में इसे लगाने की आपातकालीन मंजूरी दी गई थी। एक्सपर्ट के मुताबिक वैक्सीन 80 फीसद तक कारगर है।
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