नई दिल्ली (New Delhi)। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi Chief Minister Arvind Kejriwal) को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दूसरी बार अंतरिम जमानत (Interim bail) दे दी. इससे पहले मई में, सर्वोच्च अदालत (Supreme Court) ने उन्हें चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी. दिल्ली शराब घोटाला मामले में सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी (Senior Advocate Abhishek Manu Singhvi) केजरीवाल का केस लड़ रहे हैं।
कई हाई-प्रोफाइल मामलों को किया हैंडल
न सिर्फ केजरीवाल का केस बल्कि सिंघवी इन दिनों सबसे अधिक मांग वाले वकीलों में से एक बन गए हैं, खासकर राजनेताओं के लिए. वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने पिछले कुछ वर्षों में कई हाई-प्रोफाइल मामलों को हैंडल किया है।
विभिन्न कानूनी मुद्दों के विशेषज्ञ सिंघवी अब कई लोगों के लिए एक भरोसेमंद विकल्प बन गए हैं. एक वरिष्ठ राजनेता होने के नाते राजनीतिक क्षेत्र में मजबूत संबंधों के कारण वह विभिन्न दलों के नेताओं का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
केजरीवाल का किया बचाव
सिंघवी आबकारी नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का बचाव करने में सबसे आगे रहे हैं. उन्होंने मामले में विसंगतियों और सबूतों की कमी को उजागर किया और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से लगाए गए आरोपों के खिलाफ दलील दी।
सुप्रीम कोर्ट के सामने सिंघवी ने अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी की टाइमिंग का जिक्र किया और कहा कि उन्हें आचार संहिता लागू होने के पांच दिन बाद ही ईडी ने हिरासत में ले लिया था. अदालत ने आखिरकार उन्हें चुनाव के दौरान प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत दे दी थी।
संजय सिंह को दिलाई जमानत
दिल्ली शराब घोटाला मामले में हाल ही में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के बाद सिंघवी अब अदालतों में केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. इससे पहले वह आम आदमी पार्टी के नेता सत्येन्द्र जैन का भी प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जिन्हें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंतरिम मेडिकल बेल मिल गई थी. सिंघवी ने शराब घोटाले में AAP नेता संजय सिंह का भी प्रतिनिधित्व किया था. ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद आखिरकार उन्हें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।
संजय सिंह को 4 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी थी, जिससे आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनाव से पहले काफी मदद मिली. वह दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का भी प्रतिनिधित्व कर रहे हैं, जिन्होंने जमानत के लिए एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है।
अन्य नेताओं का भी कर चुके हैं प्रतिनिधित्व
सिंघवी सुनंदा पुष्कर डेथ केस में कांग्रेस नेता शशि थरूर का भी केस लड़ चुके हैं और आत्महत्या के लिए उकसाने सहित अन्य आरोपों के खिलाफ उनका बचाव कर चुके हैं. सिंघवी ने आईएनएक्स मीडिया केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम का भी प्रतिनिधित्व किया था, जिसमें उन पर भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे थे. उन्होंने प्रक्रियात्मक खामियों और सबूतों की कमी पर जोर देते हुए चिदंबरम की जमानत के लिए और ईडी, सीबीआई के आरोपों के खिलाफ दलील दी थी।
सिंघवी सुप्रीम कोर्ट में न सिर्फ पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं बल्कि कोयला तस्करी में शामिल होने के आरोपों के खिलाफ अभिषेक बनर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेताओं का भी बचाव कर चुके हैं।
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