मुंबई: म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़ी एक दुखद खबर है. दिग्गज गायिका प्रभा अत्रे का आज सुबह निधन हो गया. उन्होंने 92 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. उनका निधन दिल का दौरा पड़ने से हुआ. दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें पुणे के दिनानाथ मंगेशकर अस्पताल लेकर गए थे. लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही उनका निधन हो गया. उनका मुंबई में एक कार्यक्रम था. वह इस कार्यक्रम में हिस्सा ले पातीं कि उससे पहले ही उन्हें दिल का दौरा पड़ गया.
प्रभा अत्रे का जन्म पुणे में 13 सितंबर 1932 को हुआ था. प्रभा जब 8 साल की थीं, तो उनकी मां इंदिराबाई अत्रे की हेल्थ खराब होने लगी थी. तब उनके किसी ने दोस्त ने क्लासिकल म्यूजिक सुनने की सलाह दी और कहा कि इससे उनकी हेल्थ में सुधार होगा. इसके बाद वह क्लासिकल म्यूजिक सुनने लगीं. तभी से प्रभा भी इंस्पायर हुईं और उन्होंने शास्त्रीय संगीत सीखा.
प्रभा अत्रे ने गुरु-शिष्य परपंरा में म्यूजिक ट्रेनिंग ली. उन्होंने किराना घराना के सुरेशबाबू माने और हीराबाई बड़ोदकर से क्लासिकल म्यूजिक सीखा. वह आमिर खान के खयाल और बड़े गुलाम अली खान के ठुमरी से बहुत प्रभावित हुईं थीं. उन्होंने औपचारिक तौर से कथक डांस स्टाइल में ट्रेनिंग ली थी.
प्रभा अत्रे को मिले 3 पद्म पुरस्कार
बचपन से ही म्यूजिक का शौक का था. साल 1990 में उन्हें पद्मश्री, साल 2002 में पद्म भूषण और 2022 में पदम विभूषण से सम्मानित किया गया था. अत्रे ने अपने करियर के शुरुआती दिनों में एक सिंगिंग स्टेज-एक्ट्रेस के रूप में काम किया. उन्होंने मराठी थिएटर क्लासिक्स में भी भूमिकाएं निभाईं, जिनमें संशय-कल्लोल, मानापमान, सौभद्रा और विद्याहरण जैसे संगीत नाटक शामिल थे.
प्रभा अत्रे का म्यूजिक स्टाइल
प्रभा अत्रे वर्तमान में किराना घराने का प्रतिनिधित्व करने वाले देश के दिग्गज सिंगर में से एक थीं. उन्होंने भारतीय शास्त्रीय गायन संगीत को वैश्विक स्तर पर लोकप्रिय बनाने में योगदान दिया है. वह खयाल, ठुमरी, दादरा, गजल, गीत, नाट्यसंगीत और भजन जैसी कई म्यूजिक स्टाइल में सक्षम थीं.
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