नई दिल्ली (New Delhi)। दूरसंचार नियामक ट्राई मोबाइल आपरेटर द्वारा सिम कार्ड (SIM Card Rules) बदलने और जारी करने के नियमों में बड़े बदलाव की तैयारी कर रहा है। इसके लिए नंबर पोर्टेबिलिटी नियमों (SIM Card Rules) में संशोधन किया जा रहा है। यह कदम सिम कार्ड स्वैपिंग के जरिए होने वाली धोखाधड़ी को रोकने लिए उठाया जा रहा है। ट्राई ने इस संबंध में कंपनियों और ग्राहकों से 25 अक्तूबर तक सुझाव मांगे हैं।
दूरसंचार मंत्रालय ने सिम कार्ड स्वैपिंग की बढ़ती घटनाओं को गंभीरता से लिया है और ट्राई को नियमों को कड़ा करने का निर्देश दिया था। इस संबंध में ट्राई ने हाल ही में दूरसंचार कंपनियों और नंबर पोर्टिंग ऑपरेटर के साथ बैठक कर मंत्रालय के प्रस्ताव पर विचार-विमर्श किया है।
अगर ऐसा पाया जाता है तो नंबर को पोर्ट नहीं किया जाएगा। इसके अलावा मोबाइल कंपनियों को नंबर पोर्ट कराने वाले ग्राहक का पूरा विवरण पोर्टिंग ऑपरेटर के साथ साझा करना अनिवार्य होगा। ऑपरेटर इसकी जांच करेगा। किसी तरह की खामी मिलने पर सिम स्वैप या पोर्ट की प्रक्रिया रोक दी जाएगी।
क्या है सिम कार्ड स्वैपिंग: सिम कार्ड स्वैपिंग में जालसाज लोग किसी व्यक्ति के सिम कार्ड को अपने नकली सिम से बदल लेते हैं। इसके बाद वो टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर से आपके नंबर का ही दूसरा सिम जारी करवा लेते हैं। वहीं, अगर ये नंबर बैंक खाते से लिंक है तो सारे ओटीपी जालसाज के पास चले जाते हैं। इस तरह व्यक्ति धोखाधड़ी का शिकार हो सकता है।
ऐसे बच सकते हैं
1. किसी को न दें मोबाइल: अपना मोबाइल फोन किसी को न दें और न ही उसे अकेले में छोड़ें। हो सकता है कि आपकी गैर मौजूदगी में कोई सिम कार्ड बदल दे।
2. मोबाइल स्विच ऑफ न करें: जालसाज कई बार लोगों को इतना कॉल करते हैं कि वो परेशान होकर अपना मोबाइल स्विच बंद कर देते हैं। ऐसा कभी न करें, क्योंकि मोबाइल बंद होने पर जालसाजों को नया मोबाइल नंबर शुरू कराने का समय मिल जाता है।
ये काम करें
अगर सिम कार्ड अचानक निष्क्रिय हो जाए तो तुरंत अपने बैंकिंग पासवर्ड बदल लें
अपने डेबिट और क्रेडिट कार्ड को तुरंत ब्लॉक करवाएं
अपने टेलीकॉम ऑपरेटर को भी तुरंत सूचित करें
आप साइबर अपराध शाखा (cybercrime.gov.in) में शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
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