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    इंदौर-महू रेलवे कोचिंग डिपो को सिल्वर रेटिंग

  • September 12, 2022

    इंदौर। पश्चिम रेलवे (Western Railway) के इंदौर और डॉ अम्बेडकर नगर (Dr. Ambedkar Nagar) (महू) कोचिंग डिपो को कंफिड्रेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) ग्रीनको, हैदराबाद (Hyderabad) द्वारा सिल्वर रेटिंग (Silver Rating) प्रदान की गई है। इंदौर और डॉ. अम्बेडकर नगर कोचिंग डिपो भारतीय रेलवे (Indian Railway) का प्रथम कोचिंग डिपो (Coaching Depot) है, जिसे सीआईआई ग्रीनको (CII Greenco) द्वारा यह रेटिंग दी गई है। सीआईआई ग्रीनको द्वारा यह रेटिंग दोनों डिपो में बिजली बचत, सफाई, ग्रीन एनर्जी, पानी की बचत, पर्यावरण रक्षा जैसे मानकों पर सर्वे के बाद बेहतर व्यवस्था देखते हुए दी गई है।
    दोनों कोचिंग डिपो में कई प्रकार के ग्रीन उपाय किए गए, जिसका निरीक्षण सीआईआई ग्रीन बिल्डिंग काउन्सिल टीम के सदस्यों द्वारा कुछ समय पहले किया गया था। ग्रीन कन्सल्टंट टीम डी कैलोरी एनर्जी कन्सल्टंट के मैनेजिंग डायरेक्टर वरुण गौड़ और पर्यावरणविद दिनेश कुमार ने सभी ग्रीनको मानको को डिपो के विभिन्न विभागों की टीम के सहयोग से चेक किया। रेलवे के प्रवक्ता खेमराज मीना ने बताया कि डिपो में सभी मानक जैसे सोलर प्लांट, ईटीपी प्लांट, ग्रीन हाउस गैस इमिशन में कमी, प्राकृतिक प्रकाश, टर्बो वेंटिलेटर, रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, वेस्ट मैनेजमेंट, बिजली और पानी की बचत, ग्रीन साईनेज आदि स्टैंडर्ड मानक के अनुसार पाए गए। इसके आधार पर ही दोनों एकीकृत कोचिंग डिपो इंदौर और कोच केयर काम्प्लेक्स डॉ. अम्बेडकर नगर को देश के पहले ऐसे कोचिंग डिपो होने का गौरव हासिल हुआ है, जिन्हें सीआईआई ग्रीनको द्वारा सिल्वर रेटिंग प्रदान की गई है। सीआईआई देश के एकमात्र ऐसी संस्था है, जो ग्रीनको रेटिंग प्रदान करती है।



    उर्जा
    ग्रीनको रेटिंग प्राप्त करने के लिए दोनों डिपो में मंडल रेल प्रबंधक विनीत गुप्ता के मार्गदर्शन में ऊर्जा संरक्षण, जल संरक्षण तथा कचरा एवं सामग्री प्रबंधन विशेष ध्यान दिया गया। ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा देने हेतु एलईडी इंस्टॉलेशन किया गया तथा सिकलाइन तथा पिटलाइन में कोच टेस्टिंग हेतु 750 वोल्ट सप्लाई हेतु सबस्टेशन बनाया गया, जिससे डीजल की खपत में कटौती के साथ ही साथ कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जन को भी नियंत्रित किया गया, साथ ही वर्तमान में डिपो 10 किलोवाट क्षमता की सौर ऊर्जा का उत्पादन करता है।


    सामग्री व कचरा प्रबंधन
    सामग्री एवं कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में भी डिपो द्वारा कई कार्य किए गए। वर्ष 2021-22 में वेस्ट सामग्री का पुन: उपयोग कर 1,50,800 रुपये की बचत की गई। स्क्रैप निपटान, सामग्री प्रबंधन एवं कचरे का सेग्रिगेशन वैज्ञानिक तरीके से किया जा रहा है। पिछले दो वर्षों में ऑनलाइन प्रशिक्षण पर अधिक बल दिया जा रहा है, जिससे इस पर होने वाले खर्च को नियंत्रित किया गया।

    जलसंरक्षण
    जलसंरक्षण के क्षेत्र में डिपो परिसर में विभिन्न स्थानों पर वाटर मीटर लगाये गए, जिससे जल की खपत का उचित रिकॉर्ड रखा जाना सुनिश्चित किया जा गया। डिपो में 105 केएलडी क्षमता के वाटर रिसायकलिंग प्लांट का निर्माण किया गया, जिससे कि जल को रिसायकल कर उसका पुन: उपयोग किया जा रहा है। इस प्लांट के आसपास एक हरे पैच का निर्माण किया गया है, जहां पर पौधारोपण किया गया है, जिससे कि डिपो में हरियाली और खूबसूरती में बढ़ोतरी हुई है। जल खपत को दो भागों में विभाजित किया गया है। दोनों भागों की अलग-अलग खपत की जानकारी निकालकर उसका उचित विश्लेषण किया गया। पानी रिसाव की जांच और उसके रिकॉर्ड पर विशेष ध्यान दिया गया।

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