भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chouhan) की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रि-परिषद की बैठक (Council of Ministers meeting in Mantralaya) हुई। बैठक में राज्य के जलाशयों की जल भण्डारण क्षमता की पुनर्स्थापना के लिए नीतिगत निर्णय लेते हुए निविदा प्रक्रिया, आधार मूल्य, निविदा अर्हता के मापदण्डों एवं अन्य शर्तों को अनुमोदित किया गया। नीति में संशोधन के बाद मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जिसमें प्रथम चरण में चार जलाशय से गाद निकालने का टेंडर होगा। इससे 5 लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता का पुनर्स्थापन हो सकेगा।
प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि मंत्रि-परिषद के इस निर्णय से भूमि की उत्पादकता बढ़ेगी। बाँधों का जीवन काल बढ़ेगा। रेत का उपयोग हो सकेगा। स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा और लगभग 300 करोड़ रुपये के राजस्व की प्राप्ति हो सकेगी।
सीसी टीवी सर्विलांस सिस्टम के लिए 94 करोड़ से अधिक की मंजूरी
उन्होंने बताया कि मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में पहले से स्थापित 859 थानों के सीसीटीवी सिस्टम के अपग्रेडेशन एवं नवीन 258 पुलिस थानों, 500 पुलिस चौकियों और 42 महिला थानों में नवीन सीसीटीव्ही सर्विलांस सिस्टम स्थापित किये जाने एवं जिला स्तर पर मॉनिटरिंग के लिए 52 जिला मुख्यालयों में तथा 3 एसआरपी कार्यालयों में सीसीटीव्ही कन्ट्रोल सिस्टम स्थापित करने के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 में 66 करोड़ 18 लाख 95 हजार 175 रुपये तथा वर्ष 2022-26 में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कन्सलटेन्ट की सेवाओं को एवं 5 वर्ष की वारंटी/ए.एम.सी. सम्मिलित करते हुए तथा अन्य आवर्ती व्यय राशि 28 करोड़ रुपये इस प्रकार कुल परियोजना लागत राशि 94 करोड़ 18 लाख 95 हजार 175 रुपये की स्वीकृति दी।
मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन
मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश नजूल भूमि निर्वर्तन निर्देश 2020 में उल्लेखित ऐसी भूमियों, जिन पर योजना बनाकर निर्माण करने से नियमित आय होती है- जैसे मार्केट, कॉम्प्लेक्स, बस स्टेंड आदि में से केवल “बस स्टेंड” शब्द को विलोपित किया जाकर उसे “सार्वजनिक प्रयोजन के लिए- जैसे सड़क, उद्यान, खेल का मैदान, फिल्टर प्लांट, कचरा खन्ती (ट्रेंचिंग ग्राउंड), अस्पताल, स्कूल, कार्यालय” के बाद प्रतिस्थापित करने का निर्णय लिया। ये निर्देश राजपत्र में प्रकाशन के दिनांक से प्रवृत्त होंगे, परन्तु राज्य सरकार की किसी योजना अंतर्गत सक्षम स्तर से, ऐसी योजना में निर्धारित प्रक्रिया अनुसार, भूमि के निर्वर्तन के मामले में ये निर्देश लागू नहीं होंगे।
छतरपुर में सौर ऊर्जा परियोजना के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति
मंत्रि-परिषद ने ताप विद्युत परियोजना के लिए अधिग्रहित/आवंटित भूमि पर एनटीपीसी अथवा उसकी पूर्ण स्वामित्व की कंपनी द्वारा 550 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना की स्थापना अल्ट्रा मेगा रिन्यूअल इनर्जी पावर प्रोजेक्ट मोड एवं सीपीएसयू योजना के तहत करने के लिए भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति दी। प्रस्तावित परियोजना से उत्पादित सौर ऊर्जा को 25 वर्ष के लिए 2.45 रूपये प्रति यूनिट की दर पर क्रय करने का प्रथम अधिकार एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी का रहेगा।
केन्द्र सरकार के उपक्रम एनटीपीसी लिमिटेड दवारा बरेठी जिला छतरपुर में 3960 मेगावाट क्षमता की ताप विद्युत परियोजना प्रस्तावित की गई थी। इस परियोजना के लिए एनटीपीसी के पास 1148.192 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध है। ताप विद्युत परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति एवं कोल लिंकेज प्राप्त नहीं होने के कारण एनटीपीसी द्वारा उपलब्ध भूमि पर 550 मेगावाट क्षमता की सौर ऊर्जा परियोजना के लिए राज्य सरकार से भूमि उपयोग परिवर्तन की अनुमति चाही गई है।
नया आई.टी.आई.
मंत्रि-परिषद ने तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अन्तर्गत नये शासकीय आई.टी.आई. की स्थापना विधानसभा क्षेत्र छतरपुर के विकासखण्ड बक्सवाहा में स्वीकृत की है। आई.टी.आई. की स्थापना, संचालन एवं उन्नयन के लिये 18 करोड़ 43 लाख रूपये व्यय होंगे। नये आई.टी.आई. के लिए कुल 30 पदों के सृजन की स्वीकृति दी है।
दूरसंचार/इंटरनेट सेवाओं की नीति में संशोधन
प्रदेश में नागरिकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में दूरसंचार इंटरनेट सेवाओं को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में प्रचलित दूरसंचार इंटरनेट सेवाओं के लिए दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना की नीति-2019 एवं दिशानिर्देश 2019 लागू है। मंत्रि- परिषद ने वर्तमान परिदृश्य में दूरसंचार/इंटरनेट सेवाओं के विकास की आवश्यकताओं के दृष्टिगत नीति 2019 एवं दिशा-निर्देश-2019 में संशोधन करने की मंजूरी दी हैं।
दूरसंचार अवसंरचना की स्थापना के लिए उपयोग में ली जाने वाली शासकीय भूमि के लिए कलेक्टर गाइडलाईन दरों के अनुसार संबंधित भूमि/ संपत्ति के लिए निर्धारित मूल्य के 20 प्रतिशत के समतुल्य राशि अनुज्ञप्ति शुल्क के रूप में प्राप्त की जाती है। पृथक-पृथक अवसंरचना स्थल के लिए भुगतान करने वाले अनुज्ञप्ति शुल्क की गणना किया जाना जटिल होने के कारण उक्त प्रावधान का सरलीकरण किया गया है। इस संबंध में शुल्क भुगतान की प्रक्रिया को सरल करते हुए, कलेक्टर गाइडलाइन के स्थान पर महानगर (इन्दौर, भोपाल, जबलपुर एवं ग्वालियर), अन्य नगर पालिक निगम, नगर पालिका परिषद, नगर परिषद एवं ग्रामीण क्षेत्र को विभिन्न श्रेणियों में वर्गीकृत करते हुए श्रेणीवार प्रति स्थान (शासकीय भूमि के मामले में) के लिए महानगर में 50 हजार रूपये, अन्य नगर पालिक निगम में 40 हजार रुपये, नगरपालिका परिषद में 35 हजार रुपये, नगर परिषद में 30 हजार रूपये तथा ग्रामीण क्षेत्र में 20 हजार रुपये शुल्क का निर्धारण किया गया है।
प्रदेश में जहाँ निजी भूमि/ स्थानीय निकाय/ सार्वजनिक उपक्रम/ आयोग आदि की भूमि पर यदि कोई दूरसंचार अवसंरचना बिना अनुज्ञप्ति के स्थापित है तो, नीति-2019 के अंतर्गत पात्रता आने पर सेवा प्रदाता से नीति में प्रावधानित शुल्क के अतिरिक्त 1 लाख रुपये प्रति टॉवर / स्थान के मान से शमन राशि जमा कराने के बाद ऐसी अवसंरचना को नियमित कर अनुज्ञप्ति जारी की जा सकती है।
उपरोक्त संशोधनों से प्रदेश में दूरसंचार अवसंरचना का विस्तार होगा, दूरसंचार सेवाओं में वृद्धि होगी तथा जिलों में अनुज्ञप्ति अधिकारी को निर्णय लेने में सहायता मिलेगी।
परिसम्पत्ति के विक्रय की मंजूरी
मध्यप्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित की इन्दौर विकास प्राधिकरण से लीज़ पर प्राप्त प्लॉट नं. 151-बी, स्कीम नं. 59, सेक्टर ए-2, अमितेश नगर, बिलावली जोन, जिला इन्दौर स्थित परिसम्पत्ति के निर्वर्तन हेतु H-I निविदाकार द्वारा उल्लेखित उच्चतम निविदा बोली मूल्य 7 करोड़ 67 लाख 36 हजार रुपये का अनुमोदन करते हुए निविदाकार द्वारा उल्लेखित निविदा मूल्य राशि का 100 प्रतिशत जमा करने के बाद मध्यप्रदेश राज्य सहकारी कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित के परिसमापक संयुक्त आयुक्त, सहकारिता द्वारा 11 जून 2042 तक लीज़ परिसम्पत्ति के विक्रय पंजीकृत अनुबंध का संपादन तथा इन्दौर विकास प्राधिकरण द्वारा सम्पत्ति पंजी में H-1 निविदाकार के पक्ष में नामांतरण किया जाने का निर्णय मंत्रि-परिषद द्वारा लिया गया।
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