अभी देश-विदेश से दवाइयों का रॉ मटेरियल मंगवाना पड़ता है, इसलिए दवाइयों के उत्पादन में होती है देरी
इंदौर। इंदौर (Indore) के आसपास कई दवा निर्माता कंपनियां हैं, जहां से बनी दवाइयां पूरे देश में जाती हैं, लेकिन रॉ मटेरियल समय पर नहीं मिलने के कारण दवा निर्माता कंपनी समय से दवाइयां नहीं बना पाती और उन्हें नुकसान होता है और दवाइयों की आपूर्ति भी नहीं हो पाती। इसको लेकर कल इंदौर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया से जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने मांग की कि इंदौर में ड्रग पार्क बनाया जाए, जिससे रॉ मटेरियल की आपूर्ति हो सके।
इंदौर में फार्मा सेक्टर (pharma sector) लगातार बढ़ रहा है और पीथमपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में दवा निर्माता कंपनियां बड़ी तेजी से खुल रही हैं। देवास में भी कई दवा निर्माता कंपनियां हैं, लेकिन कंपनियों के सामने रॉ मटेरियल की समस्या आती है। कई कंपनियों में लगने वाला रॉ मटेरियल विदेशों से मंगवाना पड़ता है और उसी के भरोसे दवा निर्माता कंपनियां रहती हैं। विदेशों से मंगवाने के कारण यह महंगा भी पड़ता है। दवा निर्माता कंपनियां इस मामले में लंबे समय से इंदौर में ड्रग पार्क खोलने की मांग कर रही है। कल इंदौर आए केन्द्रीय लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जो रसायन एवं उर्वरक के मंत्री भी हैं, से जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट ने चर्चा की और उन्हें एक पत्र सौंपा, जिसमें इंदौर या उसके आसपास ड्रग पार्क की स्थापना करने की मांग की है। सिलावट ने कहा कि यहां दवा उत्पाइन के लिए 200 से अधिक कंपनियां हैं, लेकिन रॉ मटेरियल समय पर उपलब्ध नहीं होने के कारण कई तरह की परेशानी आती है। वहीं यह मटेरियल देश और विदेश के विभिन्न स्थानों से मंगवाना पड़ता है, इसमें दवा बनाने में अधिक लागत एवं समय भी लगता है। इंदौर और उसके आसपास का क्षेत्र प्रदेश का ही नहीं बल्कि देश का भी एक बड़ा दवा निर्माता शहर है, जहां से दवाइयों का निर्यात भी बड़ी संख्या में किया जाता है। सिलावट ने कहा कि इंदौर में अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा होने से भी हवाई कार्गो से जुड़ा हुआ है। अगर यहां ड्रग पार्क बनाया जाता है तो दवा कंपनियों के लिए यह एक बड़ी सौगात साबित होगा। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री मांडविया से कहा है कि वे इस मामले में व्यक्तिगत रूचि लेकर ड्रग पार्क की स्थापना की स्वीकृति प्रदान करें।
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