नई दिल्ली। तालिबान के कब्जे और दहशत के बीच अफगानिस्तान (Afghanistan) से पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के तीन स्वरूपों (3 copies of Guru Granth Sahib) को और पी़ड़ित सिख परिवारों (Sikh families)को भारत (India) सुरक्षित लाए जाने (Bringing) की देश भर के सिख समाज (Sikh society) ने सराहना की है। देश के कई हिस्सों में स्थित गुरुद्वारों (Gurudwaras) में गुरुवार को विशेष रूप से शुक्राने की अरदास (Ardas) कर भारत सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) का आभार जताया (Expressed gratitude) गया।
सिख समाज ने सरकार के त्वरित प्रयासों की सराहना की। बता दें कि केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 24 अगस्त को नई दिल्ली एयरपोर्ट पर गुरु ग्रंथ साहिब के तीनों स्वरूपों का स्वागत करने को अपना सौभाग्य बताया था। सिखों के पवित्र ग्रंथ गुरुग्रंथ साहिब की तीनों प्रतियों को अफगानिस्तान से लाए जाने पर केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी नई दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे थे और उन्होंने नंगे पांव प्रतियों को सिर पर रखकर रिसीव किया था।
अफगानिस्तान से पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के तीन स्वरूपों की वापसी पर गुरुवार को देश के आधे दर्जन स्थानों पर स्थित गुरुद्वारों में शुकराने की अरदास हुई। भोपाल के अरेरा कॉलोनी, स्थित गुरुद्वारा साहिब में सिख समाज के प्रमुख लोगों की उपस्थिति में प्रधानमंत्री के लिए शुक्राने की अरदास की गई।
इसी तरह देश के कई अन्य शहरों के गुरूद्वारे में भी अरदास हुई। शिमला के मेन गुरूद्वारे में सुबह 9 बजे अरदास हुई। कानपुर के गुरुद्वारा बाबा नाम देव में भी शुक्राने की अरदास कर सिखों की सकुशल वापसी के लिए सरकार का आभार जताया गया। अमृतसर के गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा, रानी बाजार में भी अरदास हुई।
जम्मू के गुरूद्वारे में सुबह 7:30 बजे शुक्राने की अरदास कर गुरु ग्रंथ साहिब के स्वरूपों और पीड़ित सिख और हिंदू परिवारों की वापसी पर भारत सरकार का आभार जताया गया। अफगानिस्तान से पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब की तीनों प्रतियों को तिलकनगर गुरूद्वारे में रखा गया है।
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