मुंबई। शिवसेना के शिंदे गुट की नई पार्टी ‘बालासाहेब की शिवसेना’ को आवंटित चुनाव चिन्ह ‘दो तलवार और एक ढाल’ पर नांदेड़ के सिख समुदाय ने आपत्ति जताई है। नांदेड़ के सचखंड गुरुद्वारा बोर्ड के पूर्व सदस्य रंजीत सिंह कामठेकर ने इस संबंध में चुनाव आयोग से शिकायत कर इसे निरस्त करने की मांग की है। दरअसल, सिख समुदाय का कहना है कि शिंदे गुट को आवंटित चुनाव चिह्न ‘दो तलवार और ढाल’ खालसा पंथ का धार्मिक प्रतीक है। वहीं इससे पहले समता पार्टी भी शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) को मशाल या ज्वलनशील मशाल आवंटित करने पर आपत्ति जता चुकी है।
गुरुद्वारा सचखंड बोर्ड, नांदेड़ के पूर्व सचिव रंजीतसिंह कामठेकर और एक स्थानीय कांग्रेस नेता ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर चुनाव चिह्न की अनुमति नहीं देने के लिए कहा है क्योंकि इसका धार्मिक अर्थ है। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग द्वारा कोई संज्ञान नहीं लिया गया, तो वे कार्रवाई के लिए अदालत जाने की सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारे धार्मिक गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह ने खालसा पंथ के धार्मिक प्रतीक के रूप में तलवार और ढाल को स्थापित किया था। कामथेकर ने कहा कि जिस तरह से चुनाव आयोग ने इन गुटों को त्रिशूल और गदा को खारिज करते हुए, उनके धार्मिक अर्थ होने के कारणों का हवाला दिया उसी तरह यह भी एक धार्मिक मामला है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved