नई दिल्ली (New Dehli) । महिलाओं (ladies) और पुरुषों (men) में हृदयाघात के अलग-अलग संकेत (Signal) होते हैं। एक शोध के अनुसार महिलाओं को सांस (Breath) की तकलीफ और पुरुषों को सीने में दर्द (Chest pain) का अनुभव होता है। इस संबंध में अमेरिका के स्मिड्ट हार्ट इंस्टीट्यूट के चिकित्सकों का एक अध्ययन लैंसेट डिजिटल हेल्थ जर्नल में प्रकाशित हुआ है। रिपोर्ट के अनुसार ये लक्षण अचानक हृदयाघात हुए 50 प्रतिशत लोगों में 24 घंटे पहले दिखाई पड़े। इस जानकारी से अचानक हृदयाघात से मौतों को रोकने में बड़ी सफलता मिल सकती है।
वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ सुमीत चुघ के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन में पाया गया कि इन 50 फीसदी लोगों ने हृदय के काम करने की क्षमता में कमी आने से 24 घंटे पहले एक स्पष्ट लक्षण का अनुभव किया। जांचकर्ताओं को पता चला कि यह चेतावनी लक्षण पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए भिन्न थे। जहां महिलाओं ने सांस की तकलीफ का अनुभव किया वहीं पुरुषों को सीने में दर्द महसूस हुआ। हालांकि महिलाओं और पुरुषों दोनों ने धड़कन बढ़ने और फ्लू जैसे लक्षणों को भी अनुभव किया।
रिपोर्ट में बताया गया कि जो लोग अस्पताल के बाहर हृदयाघात के शिकार होते हैं उनमें 90 फीसदी लोगों की जान चली जाती है। यह स्थिति की बेहतर भविष्यवाणी करने और रोकने की तत्काल आवश्यकता को दर्शाता है।
इस अध्ययन के लिए जांचकर्ताओं ने कैलिफोर्निया के वेंचुरा काउंटी और ओरेगॉन के पोर्टलैंड में समुदाय-आधारित अध्ययनों का उपयोग किया। वेंचुरा में आधारित अध्ययन से पता चला कि जिन 823 लोगों में से जिन 50 फीसदी लोगों को हृदयाघात हुआ उन्हें 24 घंटे पहले किसी आपातकालीन चिकित्सा पेशेवर, या आपातकालीन चिकित्सा सेवा (ईएमएस) की जरूरत पड़ी। उन्होंने 24 घंटे पहले कम से कम एक स्पष्ट लक्षण का अनुभव किया। ओरेगॉन में आधारित अध्ययन में भी इसी तरह के परिणाम मिले।
चुग ने कहा कि भविष्य में हम अचानक हृदयाघात की बेहतर भविष्यवाणी के लिए इन प्रमुख लिंग-विशिष्ट चेतावनी लक्षणों को क्लीनिकल प्रोफाइल और बायोमेट्रिक उपायों के साथ जोड़कर इस्तेमाल करेंगे।
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