धार। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के आदिवासी बाहुल्य धार जिले में बालिकाओं की जन्म दर में काफी सुधार हुआ है, यही कारण कि हर दूसरे आंगन में बेटी की किलकारियां गूंज रही है। जिले में लिंगानुपात में सुधार होने के कारण अब 1000 बालक पर 1056 बालिका जन्म ले रही है। पांच साल में यह आंकड़ा तेजी से बढ़ा है। लिंगानुपात में सुधार, समान अंतर होना व्यवस्था में बदलाव का संकेत दे रहा है। 5 साल में 1000 लड़कों पर लड़कियों की संख्या 992 से बढ़कर 1056 हो गई।
महिला बाल विकास के जिला कार्यक्रम अधिकारी सुभाष जैन ने बताया कि जिले में अब प्रति हजार बालक पर 1056 बालिका है जिसका कारण उन्होंने शासन के द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं को बताया साथ ही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना भी एक महत्वपूर्ण योगदान है। इतना ही नहीं बेटियों के प्रति लोगों की सोच में भी अंतर देखने को मिला है। पहले के दौर में बेटों की चाह के चलते बेटियों को कोख में ही मार दिया जाता था, परंतु अब ऐसा नहीं है।
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