भोपाल। प्रदेश के कर्मचारियों एवं जिला शाखा के प्रस्ताव अनुसार न्यू पेंशन योजना 2005 को बंद करने एवं पुरानी पेंशन योजना पुन: लागू करने की मांग को लेकर 29 नवंबर से शुरू किया गया हस्ताक्षर अभियान आंदोलन एक माह बाद समापन किया जाना था। लेकिन कर्मचारियों की भावनाओं एवं प्रस्ताव अनुसार की ज्यादा से ज्यादा संख्या में हस्ताक्षर होकर मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाए इसलिए हस्ताक्षर अभियान आंदोलन को एक माह और चलाने का निर्णय लिया गया है।
मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच के प्रांत अध्यक्ष अशोक पांडे ने बताया कि ,प्रदेश के आठ लाख कर्मचारियों एवं स्थाई कर्मियों का भविष्य राज्य सरकार ने निजी हाथों में सौंप दिया है। कर्मचारियों का भविष्य अंधकार में डाल दिया है बुढ़ापे का सहारा छीन लिया है। उनकी जमा पूंजी भी वापस सेवानिवृत्त के समय नहीं मिल रही है। पेंशन भी 500 बनाई जा रही है जिससे उसके परिवार का भरण पोषण भी नहीं हो पा रहा है। 800000 कर्मचारी प्रदेश सरकार से मांग कर रहे हंै कि न्यू पेंशन योजना 2005 तत्काल वापस ली जाए और पुन: पुरानी पेंशन योजना लागू की जाए। जीपीएफ आदि का लाभ दिया जाए लेकिन सरकार धरना आंदोलन करने के बावजूद भी पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं कर रही है जिस कारण कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना लागू कराने के लिए आंदोलन करना पड़ रहा है। कर्मचारी ज्यादा से ज्यादा संख्या में हस्ताक्षर करके मुख्यमंत्री को अपना विरोध पहुंचाना चाहते हैं। पुरानी पेंशन योजना और न्यू पेंशन योजना 2005 में जमीन आसमान का अंतर है। न्यू पेंशन 2005 प्रदेश के 800000 कर्मचारियों के साथ धोखा है। पुरानी पेंशन योजना वास्तविक रूप में कर्मचारियों के बुढ़ापे का सहारा है जिसे सरकार को मानना चाहिए। मध्यप्रदेश कर्मचारी मंच पुरानी पेंशन योजना को लागू कराने के लिए निरंतर चरणबद्ध आंदोलन करेगा।