इन्दौर। मुस्लिम समुदाय का माह-ए-रमजान कल रात चांद दिखाई देते ही शुरू हुआ। समाजजनों ने एक-दूसरे को रमजान मुबारक कहकर बधाई दी और महीनेभर इबादत की जाएगी। आज समाजजनों ने पहला रोजा रखा। शहरकाजी डॉ. मोहम्मद इशरत अली के अनुसार रहमत, बरकत और खास इबादतों वाले इस महीने के लिए शहर की मस्जिदों में खास तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मस्जिदों में प्रतिदिन इबादत की जाएगी। शाम को रोजा इफ्तार होगा और रात को तरावीह (विशेष नमाज) पढ़ी जाएगी। समाज के वरिष्ठ फारुक राइन ने बताया कि पांच वक्त की नमाज रमजान माह में समाजजन पढ़ेंगे, वहीं शिया समाज के रोजे भी 12 मार्च से शुरू होंगे। दिलशाद नकवी ने बताया कि कागदीपुरा स्थित शिया जामा मस्जिद में मगरिब के समय सामूहिक रोजा इफ्तार होगा। शहर के बोहरा समाज के रमजान 10 मार्च से प्रारंभ हुए थे। आज तीसरा रोजा रखा गया है। सभी मस्जिदों में आकर्षक रोशनी की गई है। बोहरा मस्जिदों एवं मरकजों में सामूहिक भोज भी आयोजित किया जा रहा है।
इसलिए खास रमजान का महीना
इस्लाम धर्म में रमजान का महीना सबसे पाक माना जाता है। इस पूरे महीने रोजा यानी उपवास रखते हैं और अपना ज्यादा से ज्यादा समय अल्लाह की इबादत में बिताते हैं और अल्लाह का शुक्रिया अदा करते हुए इस महीने के आखिर में ईद-उल-फितर मनाते हैं। रमजान का महीना इतना पाक इसलिए माना गया है, क्योंकि इस महीने में पैगंबर मोहम्मद साहब को साल 610 में लैलतुल-कद्र के मौके पर इस्लाम धर्म की पवित्र किताब कुुरआन शरीफ मिली थी।
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