नई दिल्ली । मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (Mysore Urban Development Authority) कथिक घोटाला मामले(Alleged scam cases) में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Karnataka Chief Minister Siddaramaiah)की मुश्किलें (Difficulties)कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। यहां तक कि राज्य में मुख्यमंत्री बदले जाने के भी कयास लगाए जा रहे हैं। इसी बीच एक आरटीआई के जवाब में पता चला है कि सीएम सिद्धारमैया सोशल मीडिया अकाउंट हैंडल करने के लिए 54 लाख रुपये खर्च करते हैं। वह इतना खर्च व्यक्तिगत और आधिकारिक दोनों अकाउंट्स के लिए करते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक आरटीआई एक्टिविस्ट मारलिंगा गौड़ा माली पाटिल ने आरटीआई डालकर जवाब मांगा था। उन्हें जब पता चला कि विकास के कई कार्यों के लिए सरकार के पास फंड नहीं है तो इसका पता लगाने की कोशिश की। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से बताया गया कि पूर्व मुख्यमंत्रियों की तुलना में सिद्धारमैया सोशल मीडिया पर बेहद कम खर्च करते हैं। इससे पहले के मुख्यमंत्री का यह खर्चा 2 करोड़ के करीब था।
सरकारी एजेंसी कर्नाटक स्टेट मार्केटिंग कम्युनिकेशन ऐंड एडवर्टाइजिंग लिमिटेड (MCA) ने यह जानकारी दी है। पिछले साल 25 अक्टूबर से मार्च 2024 तक CMO ने 3 करोड़ रुपये के आसपास खर्च किए हैं। आरटीआई में मिली जानकारी के मुताबिक सीएमओ ने हर मीहने करीब 53.9 लाख रुपये खर्च किए है। इसमें 18 फीसदी की जीएसटी भी शामिल है। यह पेमेंट पॉलिसी फ्रंट नाम की कंपनी को किया गया जो कि सिद्धारमैया के अकाउंट हैंडल करवाती है। इसमें करीब 35 लोगों की टीम है।
बता दें कि राज्यपाल थावर चंद्र गहलोत ने MUDA कथित घोटाला मामले में सीएम सिद्धारमैया के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी थी। तब से उनपर सीएम पद से इस्तीफा देने का भी दबाव बना हुआ है। हालांकि सिद्धारमैया स्पष्ट कर चुके हैं कि वह इस्तीफा नहीं देने वाले हैं। शनिवार को कांग्रेस ने राजभवन चलो मार्च भी निकाला था। इस मार्च का उद्देश्य राज्यपाल पर दबाव डालना था कि वह मुकदमा चलाने की मंजूरी वाले फैसले पर पुनर्विचार करें।
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