बेंगलुरु (Bangalore) । कर्नाटक (Karnataka) में सिद्धारमैया सरकार (siddaramaiah government) अब उन जमीनों की जांच में जुट गई, जिन्हें पूर्व की भाजपा सरकार ने आरएसएस (RSS) और इससे जुड़े अन्य संगठनों को एलॉट किया था। कर्नाटक के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री दिनेश गुंडू राव (Dinesh Gundu Rao) ने शुक्रवार को इस संबंध में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने सैकड़ों एकड़ जमीनें आरएसएस और संघ परिवार से जुड़े संगठनों को ट्रांसफर किया है। मंत्री ने आगे कहा कि आरएसएस से जुड़े संगठनों को जो जमीनें दी गई हैं, उनकी समीक्षा की जाएगी।
कही यह बात
मंत्री ने दलील दी कि ऐसा अपने संगठन को बढ़ाने और उस विचारधारा को फैलाने के लिए किया गया है जिसमें वह विश्वास करता है। उन्होंने आगे कहा कि हमें अपने काम को लेकर ट्रांसपैरेंट होना चाहिए और लोगों को इसके बारे में पता होना चाहिए। अगर हम बच्चों के दिमाग में जहरीली सूचनाएं भरेंगे तो यह बेहद खतरनाक होगा। हम इस पर कड़ा ऐक्शन लेंगे। राव ने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा जारी कुछ टेंडर्स को कैंसिल किया गया है, जबकि अन्य को देखा जा रहा है। साल 2021 में पूर्व की भाजपा सरकार ने चाणक्या यूनिवर्सिटी बिल पास किया था। तब विधानसभा में विपक्षी कांग्रेस और जनता दल-एस के सदस्यों ने इसका जमकर विरोध किया था।
जताई थी आपत्ति
विपक्ष ने चाणक्य विश्वविद्यालय विधेयक, 2021 को पर्याप्त चर्चा के बिना पेश किए जाने पर आपत्ति जताई थी। उस वक्त विरोध करने वाले मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने आरोप लगाया था कि सरकार ने 116.16 एकड़ जमीन देवनहल्ली के करीब प्रस्तावित चाणक्य यूनिवर्सिटी के लिए मात्र 50 करोड़ रुपए में बेच दिया था। जबकि इस जमीन की असल कीमत 300 से 400 करोड़ रुपए है। सिद्धारमैया ने आरोप लगाया कि सरकार ने सेंटर फॉर एजुकेशन एंड सोशल स्टडीज को कम कीमत पर जमीन बेची। उनके मुताबिक इसके सदस्य आरएसएस के सदस्य हैं। इसे चाणक्य यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए दिया गया था। उन्होंने दलील दी कि एयरोस्पेस और रक्षा उद्योगों के लिए आवंटित जमीन अवैध रूप से संगठन को दी गई थी।
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