नई दिल्ली (New Delhi)। कर्नाटक में कांग्रेस की नई सरकार (Congress new government) का गठन हो गया है। जिसमें मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके डिप्टी डीके शिवकुमार (Siddaramaiah and his deputy DK Shivakumar) ने शनिवार को 8 मंत्रियों के साथ शपथ ली। बताया जा रहा है कि सिर्फ 8 मंत्रियों ने ही शपथ इसलिए ली क्योंकि मंत्री चुनने को लेकर खींचतान कम नहीं हुई है। तमाम चर्चा के बाद कांग्रेस की योजना अब 28 मंत्रियों के साथ नई सरकार शुरू करने की है। सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक में 34 की स्वीकृत कैबिनेट क्षमता है, लेकिन मंत्रालय के विस्तार में काफी देरी हो सकती है क्योंकि दोनों गुटों की निगाहें बड़े विभागों पर टिकी हैं।’
28 की सूची बनी लेकिन हुई ड्रॉप
कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों ने कहा कि 28 नामों की एक सूची तैयार थी, लेकिन दिल्ली में सिद्धारमैया और शिवकुमार गुटों के बीच एक तीव्र झगड़े ने आलाकमान को सभी नामों को जारी करने में देरी करने के लिए मजबूर कर दिया। कांग्रेस ने आम सहमति बनने तक इंतजार करने का फैसला किया है।
सिद्धारमैया और शिवकुमार के खेमे में कौन?
सिद्धारमैया ने केजे जॉर्ज, एमबी पाटिल, सतीश जरकीहोली, बीजेड जमीर अहमद खान और छह अन्य लोगों के लिए बल्लेबाजी की। वहीं शिवकुमार ने जी परमेश्वर, केएच मुनियप्पा, रामलिंगा रेड्डी, प्रियांक खरगे और छह अन्य के नाम लिए।
शिवकुमार ने सिद्धारमैया के सुझाए 3 नामों का किया विरोध
कांग्रेस की बैठक के दौरान सिद्धारमैया ने मंत्री पद के लिए टीबी जयचंद्र, एचसी महादेवप्पा, और आरवी देशपांडे का नाम सुझाया। वह चाहते थे कि इन नामों को भी मंत्रिमंडल में शामिल किया जाए लेकिन सिद्धारमैया ने इनका विरोध किया। शिवकुमार का कहना था कि 10 मई के विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत में इन तीन नामों का खास योगदान नहीं था।
शिवकुमार ने पहले राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के लिए पर्याप्त लोगों को नहीं जुटाने के लिए देशपांडे को डांटा था। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि चर्चा शनिवार तड़के तक जारी रही, लेकिन कई नामों पर सहमति नहीं बन सकी। अपने शपथ ग्रहण के बाद, सिद्धारमैया ने कहा कि 9 बार के विधायक देशपांडे प्रोटेम स्पीकर होंगे, जो नए स्पीकर को चुनने के लिए चुनाव से पहले निचले सदन की पहली बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
सिद्धारमैया ने कहा कि विधानसभा का तीन दिवसीय विशेष सत्र बुलाया जाएगा। इसे मंत्रियों के नामों को शॉर्टलिस्ट करने की मीटिंग के तौर पर देखा जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि स्पीकर पद के लिए जयचंद्र और देशपांडे पर चर्चा हो रही है, लेकिन देशपांडे ऐसा नहीं चाहते। उन्होंने कहा कि ‘मुझे नहीं लगता कि मैं इस तरह के एक जिम्मेदार पद को संभालने के लिए फिट हूं। मैंने आठ मुख्यमंत्रियों के अधीन एक मंत्री के रूप में काम किया। मैं किसी भी मंत्री पद के लिए तैयार हूं।’
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