बेंगलुरू । कर्नाटक में प्रचंड जीत के बाद (After A Landslide Victory in Karnataka) सिद्धारमैया और डी.के. शिवकुमार (Siddaramaiah and D.K. Shivkumar) मुख्यमंत्री पद के (For Chief Minister’s Post) प्रबल दावेदार हैं (Are Strong Contender) । दोनों फैसले के लिए आलाकमान की ओर देख रहे हैं।
मुख्यमंत्री कौन बनेगा, इस सवाल का जवाब देते हुए सिद्धारमैया ने शनिवार को कहा कि आलाकमान नवनिर्वाचित विधायकों की राय लेगा और उसी के अनुसार फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि आलाकमान द्वारा पर्यवेक्षकों को यहां भेजा जाएगा और बाद में परामर्श और उचित प्रक्रिया के बाद निर्णय लिया जाएगा। शिवकुमार ने यह भी कहा कि आलाकमान फोन करेगा।
सूत्रों ने बताया कि शिवकुमार और सिद्धारमैया के लिए आलाकमान 50:50 के फॉर्मूले के साथ आ रहा है, क्योंकि लोकसभा चुनाव में पार्टी के लिए दांव बहुत बड़ा है। सिद्धारमैया को अल्पसंख्यकों, पिछड़ों और दलितों वाले अहिंदा (अल्पसांख्य, हिंदुलिदा और दलित) समूह के जननेता के रूप में जाना जाता है। उन्होंने नीति निर्माण और घोषणापत्र के वादों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्हें प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और आरएसएस की तीखी आलोचना के लिए भी जाना जाता है।
शिवकुमार ने राज्य में पार्टी को शून्य से ऊपर उठाया, जब बीजेपी ने 2019 में उसके नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कर लिया। उन्होंने पार्टी को संगठित किया और संसाधनों को जमा किया। वह वोक्कालिगा समुदाय से आते हैं और कांग्रेस पार्टी के लिए उनसे अधिकांश वोट हासिल करने में कामयाब रहे।
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