जबलपुर। सूबे की सियासत में आज का दिन बेहद महवपूर्ण है। क्योंकि प्रदेश के सत्ताधारी दल से जुड़ी तीन प्रमुख हस्तियों के खिलाफ 10 करोड़ की मानहानि के मुकदमे की न्यायालीन कार्रवाई आज से शुरू हो गई है। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल आज राज्यसभा सांसद विवेक कृष्ण तन्खा की मानहानि के मुकदमे में पैरवी करने जबलपुर पहुंचे। जिला अदालत में न्यायाधीश श्रीमती विश्वेश्वरी मिश्रा की कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल समेत उनके पक्षकार विवेक तन्खा और बड़ी संख्या में अधिवक्ता मानहानि के मुकदमे में तन्खा की गवाही दर्ज कराने पहुंचे। बता दें कि साल 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी थी। इस दौरान अधिवक्ता विवेक तन्खा ने याचिकाकर्ताओं की ओर से पंचायत और निकाय चुनाव में रोटेशन और परिसीमन को लेकर पैरवी की थी। सुप्रीम कोर्ट का आदेश आने के बाद मध्यप्रदेश के बीजेपी नेताओं ने कांग्रेस के साथ विवेक तन्खा को आड़े हाथों लिया था और बीजेपी ने आरोप लगाया था कि कांग्रेस और विवेक तन्खा ओबीसी आरक्षण नहीं चाहते थे। यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस की ओर से तन्खा द्वारा ओबीसी आरक्षण का विरोध किया गया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मंत्री भूपेंद्र सिंह और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बयानबाजी के दौरान कांग्रेस सांसद और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा पर व्यक्तिगत हमला किया था, तीनों ही बीजेपी नेताओं ने उन्हें ओबीसी विरोधी बताया था।
तन्खा ने भेजा था 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस
बीजेपी नेताओं द्वारा अपने खिलाफ की जा रही बयानबाजी के विरोध में राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने सफाई देते हुए बयान जारी किया था कि याचिका में केवल पंचायत चुनाव में रोटेशन की बात थी। ओबीसी आरक्षण का कोई जिक्र नहीं था, बावजूद इसके लगातार बीजेपी विवेक तन्खा के साथ कांग्रेस पर निशाना साध रही है । इसके बाद वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा द्वारा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा और मंत्री भूपेंद्र सिंह को नोटिस भेजकर माफी मांगने की मांग की गई थी। तंखा द्वारा 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस भेजा गया था ।
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