इंदौर। कल कांग्रेस प्रत्याशी संजय शुक्ला (Sanjay Shukla) स्टेडियम से रवाना हो रहे थे तो मीडिया के सामने बोलते-बोलते उनकी आंखें नम हो गईं। उन्होंने हार स्वीकारते हुए (admitting defeat) कहा कि भले ही इस चुनाव में मुझे हार का सामना करना पड़ा है, लेकिन लोगों का जो प्यार मिला है, वह नहीं भूल पाऊंगा। शुक्ला खुद अपनी ही विधानसभा (Assembly) में हार गए। इस पर उनका कहना था कि अब मैं खुद अपनी विधानसभा की समीक्षा करूंगा।
दरअसल शुरुआत से ही संजय शुक्ला (Sanjay Shukla) ने नगर निगम चुनाव में जोरदार मैदान पकड़ा था और दो साल पहले ही नाम घोषित होने के कारण उन्हें इसका फायदा भी मिला, लेकिन वे हार गए। कई मोर्चों पर निगम से सीधी टक्कर लेने वाले शुक्ला कल रात आठ बजे जब स्टेडियम से रवाना होने लगे तो मीडिया ने उनसे बात की। उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि मैंने चुनाव जोरदार तरीके से लड़ा और इस दौरान लोगों का आशीर्वाद और प्यार मिला, उसे मैं भूल नहीं पाऊंगा।
मैंने अपनी ओर से पूरी कोशिश की थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के चुनाव प्रचार में नहीं आने के सवाल पर उनका कहना था कि यहां किसी के आने की आवश्यकता नहीं थी। मैं एक तरफ और पूरी भाजपा एक तरफ। केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही इस चुनाव में नहीं आए, जबकि मुख्यमंत्री, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और ज्योतिरादित्य सिंधिया तक यहां चुनाव में कूद गए थे। इसका मुझे संतोष है कि मैंने भाजपा के इस चुनाव को मुद्दों पर लाकर छोड़ दिया था। उन्होंने यह भी कहा कि नगर निगम को जनता से संबंधित मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए और उनका ख्याल रखना चाहिए, लेकिन भाजपा की परिषद ऐसा नहीं कर रही थी और गरीबों पर अत्याचार कर रही थी। मैं गरीबों की लड़ाई हमेशा लड़ता रहूंगा। अपनी ही विधानसभा में हार के सवाल पर उनका कहना था कि ऐसा क्यों हुआ है, इसकी मैं खुद समीक्षा करूंगा।
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