नई दिल्ली (New Delhi)। होलाष्टक (Holashtak)का प्रारंभ 17 मार्च से हो रहा है। होली पर्व का आरम्भ होलिका दहन (Holika Dahan)से आठ दिन पहले फाल्गुन शुक्ल (Falgun Shukla)अष्टमी तिथि को हो जाता है। इस बार होलिका दहन 24 मार्च को है। होलिका दहन होने तक होलाष्टक रहेगा। होलाष्टक में ही खरमास भी 14 मार्च से शुरू हो जाएगा। इस दौरान विवाह आदि कार्य निषिद्ध रहेंगे।
ज्योतिषाचार्य विभोर इंदुसुत के अनुुसार होलाष्टक के आठ दिनों में आठ दिनों में कोई नवीन या शुभ मंगल कार्य नहीं किया जाता। वैसे यह कोई अशुभ समयकाल नहीं है लेकिन होलाष्टक में मंगलकार्य (विवाह, मुहूर्त, गृहप्रवेश आदि) नहीं किये जाते।
होलाष्टक में क्या करें क्या ना करें
-होलाष्टक में गृह प्रवेश, जमीन या वाहन न खरीदें
-ऑफिस ओपनिंग, सगाई, रोकना रस्म, विवाह संस्कार, मुहूर्त आदि न करें
-कोई बड़ी खरीदारी भी होलाष्टक में नहीं करनी चाहिए।
होलाष्टक आरम्भ – 17 मार्च से
होलाष्टक समाप्त – 24 मार्च होलिका दहन के बाद
एक माह तक नहीं हो सकेंगी शादियां
विवाह मुहूर्त विशेष – इस बार होलाष्टक के दौरान ही 14 मार्च से खर मास भी शुरू हो रहा है जो 13 अप्रैल तक रहेगा। इस कारण लगभग एक महीने के लिए कोई विवाह मुहूर्त नहीं होगा। विवाह आदि कार्य 13 अप्रैल के बाद ही प्रारंभ होंगे।
होलाष्टक और खरमास के बाद ये होंगी शुभ विवाह मुहर्त की तारीखें –
अप्रैल में – 18, 20, 21, 22, 23, 25, 26
मई – जून – गुरु और शुक्र अस्त होने (तारा डूबने) के कारण कोई साया नहीं होगा, शादियां के लग्न मुहूर्त देखते समय गुरु और शुक्र ग्रह का अच्छी स्थिति में होना जरूरी होता है। इनमें से एक भी ग्रह अस्त होने या खराब स्थिति में होने पर उस तिथि में विवाह का मुहूर्त नहीं बनता है। 23 अप्रैल से 30 जून के बीच शुक्र ग्रह अस्त होने के कारण विवाह कार्य नहीं होगा। इसके अलावा 15 मार्च से 16 अप्रेल के बीच मीन राशि की संक्रांति होने के कारण खरमास रहेगा और शादी-विवाह इस दौरान नहीं हो सकेगा।
जुलाई – 9, 11, 12, 13, 15, 17
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