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    कठपुतली कलाओं पर एकाग्र पुतुल समारोह में श्री रामलीला एवं प्रणाम काकोरी की प्रस्तुति हुई

  • October 22, 2021

    भोपाल। जनजातीय लोक कला (tribal folk art) एवं बोली विकास अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद् द्वारा मध्यप्रदेश जनजातीय संग्रहालय में कठपुतली कला की विविध शैलियों पर एकाग्र पुतुल समारोह (Putul Ceremony Concentrate on Styles) का आयोजन 20 से 24 अक्टूबर, 2021 तक आयोजित किया जा रहा है। कठपुतली के माध्यम से ऐतिहासिक और पौराणिक चरितों एवं कथा-कहानियों को दिखाया जाता है। वर्तमान समय में इस कला में समकालीन विषयों को भी आधार रूप में ग्रहण किया गया है जिससे युवा पीढ़ी को सदियों से चली आ रही इस विधा और इसके माध्यम से जीवन मूल्यों को संरक्षित करने की विधि को बताया जा सके। समारोह में प्रस्तुतियां प्रतिदिन सायं 6.30 बजे से हो रही है। समारोह के दूसरे दिन 21 अक्टूबर 2021 को दस्ताना और छड़ शैली में श्रीरामलीला एवं प्रणाम काकोरी की प्रस्तुति शाहजहांपुर के कप्तान सिंह ‘कर्णधार’ एवं साथियों द्वारा दी गई।



    समारोह में छड़ एवं दस्ताना शैली में रामलीला की प्रस्तुति दी गई। शुरूआत श्रीराम जन्म से होती है। इसके बाद लीला में ताड़का वध, सीता स्वयंवर, राम वनवास, सूपनखा की नाक काटने वाला दृश्य, सीताहरण, लंका में भगवान हनुमान और माता सीता का मिलना, लक्ष्मणशक्ति, राम रावण युद्ध जैसे प्रसंगों को कठपुतलियों के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। प्रस्तुति लगभग एक घंटा दस मिनट की दी गई। दूसरी प्रस्तुति प्रणाम काकोरी की दी गई। प्रस्तुति में रामप्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां, राजेंद्र प्रसाद लाहिड़ी, ठाकुर रौशन सिंह. चंद्रशेखर आजाद एवं अन्य क्रांतिकारियों द्वारा वर्ष 1925 में लूटी गई काकोरी रेल और अंत में क्रांतिकारियों को दी गई फांसी के दृश्यों को मंचित किया गय़ा। यह प्रस्तुति आधे घंटे दी गई एवं दोनों ही प्रस्तुति के दौरान लगभग 40 कठपुतली का प्रयोग किया गया। प्रस्तुति में नैन सिंह, फैजान खान, फाजिल खान, सचिन कुमार, वरूण कुमार, कप्तान सिहं, चित्राली कर्णधार के साथ अन्य रहे।

    तीसरे दिन तीसरे दिन 22 अक्टूबर 2021 को छड़, मपेट और कंटम्प्रेरी शैली में सोने की चूड़ी और पिंजरे में शेर प्रस्तुति नई दिल्ली के अक्षय भाट एवं साथियों द्वारा दी जाएगी। समारोह में आप सभी सादर आमंत्रित हैं। प्रस्तुतियों के लिए प्रवेश निःशुल्क है।

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