- 14 जुलाई से आरंभ हो रहा है श्रावण मास-18 जुलाई को निकलेगी महाकाल की पहली सवारी… शाही सवारी 22 अगस्त को
उज्जैन। महाकाल विस्तारीकरण योजना के पहले चरण के काम भी पूरे नहीं हो पाए और बरसात शुरु हो गई है। विगत दिनों दो दिन बरसात के बाद निर्माण स्थलों पर पानी भर गया था और इसके बाद से काम बंद है। इधर सवारी मार्ग की हालत भी टाटा कंपनी ने खराब कर दी है। ऐसे में 14 जुलाई से आरंभ हो रहे सावन महीने में श्रद्धालुओं को परेशानी आना तय है। महाकाल विस्तारीकरण योजना के पहले चरण के अधिकांश काम तेजी से पूरे किए जाने के पिछले महीने तक प्रयास किए गए थे। इसके पीछे कारण यह था कि इस महीने के मध्य तक इन कार्यों का प्रधानमंत्री के हाथों लोकार्पण होना था। यही वजह थी कि महाकाल कॉरीडोर, रूद्रसागर का एक भाग और अन्य शेष रहे कार्यों को तेजी से पूरा करने के प्रयास किए गए थे।
परंतु नगर निगम चुनाव की घोषणा और आचार संहिता के कारण यह बड़ा कार्यक्रम टल गया था। इसके बाद से ही महाकाल विस्तारीकरण के अधूरे रहे कामों को पूरा करने का काम भी धीमा पड़ गया। इधर पिछले शनिवार को प्री मानसून की बरसात का क्रम शुरु हो गया था और रविवार को भी अच्छा पानी गिरा था। इसके चलते महाकाल मंदिर के चारों ओर जल जमाव की स्थिति बन गई थी और जहाँ विस्तारीकरण के काम चल रहे हैं वहाँ पानी ही पानी नजर आने लगा था। बरसात का यह क्रम पूरे 4 महीने चलेगा और इस बीच 14 जुलाई से सावन का महीना शुरु होने जा रहा है। श्रावण मास में बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल दर्शन के लिए आते हैं और सवारी वाले दिन तो अब 2 से ढाई लाख श्रद्धालु उज्जैन आने लगे हैं। सावन महीने में इस बार पहली सवारी 18 जुलाई, दूसरी सवारी 25 जुलाई, तीसरी सवारी 1 अगस्त तथा चौथी अगस्त 8 अगस्त को निकलेगी, जबकि भादव मास में 5वीं सवारी 15 अगस्त को तथा अंतिम शाही सवारी 22 अगस्त को निकलेगी। इधर टाटा कंपनी ने शहर के अन्य मार्गों की तरह सवारी मार्ग के कई हिस्सों को भी खोद दिया है। कई जगह अभी भी सड़कें नहीं बनी है। ऐसे में पूरे सावन महीने में महाकाल मंदिर क्षेत्र से लेकर पूरे सवारी मार्ग में श्रद्धालुओं को परेशानी आएगी।