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    10 सितंबर से शुरु होगा श्राद्ध पक्ष…घाटों पर पीने के पानी की व्यवस्था तक नहीं

  • September 05, 2022

    • भिखारियों की भीड़-सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने से चोरी की घटनाएं होती है

    उज्जैन। 10 सितंबर से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत होगी। रामघाट और अन्य घाटों पर इस दौरान लोग पितरों के निमित्त पिंडदान व तर्पण करने के लिए पहुंचेंगे लेकिन घाटों पर न तो पीने के पानी की ही व्यवस्था है और न ही सुरक्षा के माकूल प्रबंध। सुरक्षा नहीं होने के कारण शिप्रा में स्नान करने आने वाले यात्रियों के साथ चोरी की घटनाएं होना आम बात हो गई है। श्राद्ध पक्ष में बाहर से आने वाले लोगों की भी संख्या अधिक रहेगी, इसलिए यहां सुरक्षा की व्यवस्था करना जरूरी है। इसके अलावा भिक्षुकों की भी भीड़ घाटों पर है और ये भिक्षुक घाटों पर आने वाले लोगों के पीछे पड़ते है तथा कई बार विवाद की भी स्थिति सामने आती है। तीर्थ पुरोहित पं. गौरव उपाध्याय का कहना है कि घाटों पर सफाई आदि का काम तो हो रहा है लेकिन रामघाट परिक्षेत्र में आने वाले लोगों विशेषकर तीर्थ यात्रियों के लिए पेयजल की व्यवस्था नहीं है।



    यहां प्याऊ तो बनी हुई लेकिन पानी नहीं होता है और ऐसी स्थिति में यहां स्थित दुकानों से महंगी बोतल खरीदकर लोगों को अपनी प्यास बुझाना पड़ती है। श्राद्ध पक्ष के दौरान गयाकोठा के साथ ही रामघाट पर भी पिंडदान व तर्पण करने वाले लोग बड़ी संख्या में पहुंचेंगे परंतु जिस तरह से यहां सुरक्षा व्यवस्था होना चाहिए, नहीं है। इस मामले में घाट के तीर्थ पुरोहितों ने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को अवगत कराया है, बावजूद इसके बीते वर्षों की तरह इस बार भी इस संबंध में सुनवाई नहीं होगी, ऐसा तीर्थ पुरोहितों का कहना है। घाट के पंडों ने बताया कि शिप्रा स्नान के लिए आने वाले तीर्थ यात्रियों के आए दिन मोबाइल, पर्स आदि चोरी होते रहते है, संबंधितों द्वारा पुलिस को शिकायत भी की जाती है, परंतु शिकायतें होने के बाद भी चोरी गई वस्तुएं बरामद होने का आंकड़ा बहुत कम है। इसके अलाव बाहर से आने वाले कई यात्रियों द्वारा तो चोरी की घटना होने के बाद पुलिस तक पहुंचा भी नहीं जाता है। तीर्थ पुरोहितों के अनुसार घाट पर भिक्षुक इतने अधिक है कि इन्हें यदि श्राद्ध पक्ष के पहले नहीं हटाया गया तो बाहर से आने वाले लोग परेशान हो जाएंगे क्योंकि ये भिक्षुक यहां आने वाले लोगों के पीछे पड़ते है और जब तक रुपए नहीं ले लेते पीछा ही नहीं छोड़ते।

    इस बार भी ऑनलाइन पूजन के लिए बुकिंग
    बीते दो वर्षों के दौरान कोरोना के कारण पिंडदान व तर्पण कराने के लिए श्रद्धालुओं ने पंडितों से ऑनलाइन पूजन कराने का काम किया था। इस बार स्थिति सामान्य है और सोलह श्राद्ध के दिनों में पिंडदान, तर्पण कराने वाले रामघाट व गयाकोठा पर पहुंचेंगे, लेकिन बावजूद इसके बाहरी शहरों के कई लोगों ने पंडितों से ऑनलाइन पूजा कराने के लिए बुकिंग कराई है। पंडितों ने बताया कि भीड़ अधिक रहती है और ऐसे में कई लोग यह चाहते है कि क्यों न घर में ही बैठकर इस तरह की पूजन कराई जाए, इसलिए ऑनलाइन पूजा कराने के लिए उन्होंने हामी भर रखी है। वीडियो कॉलिंग के माध्यम से पंडितों द्वारा ऑनलाइन पूजा कराई जाती है और जो भी दक्षिणा तय होती है वह संंबंधित पंडित के बैंक अकाउंट में यजमान ट्रांसफर कर देते है।

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