उज्जैन। आज सर्वपितृ अमावस्या है और इस अवसर पर रामघाट, सिद्धवट पर जहां स्नान करने के लिए सुबह से ही
भीड़ उमड़ रही है। इसके साथ ही कालियादेह महल स्थित बावन कुंड में भी स्नानार्थियों की भीड़ सुबह से ही लगी रही। इन घाटों के अलावा गयाकोठा पर भी पिंडदान व तर्पण करने वालों का तांता लगा। आज सर्वपितृ अमावस्या के साथ ही सोलह दिनों तक चलने वाले श्राद्ध पक्ष भी खत्म हो जाएगा।
ज्योतिषियों के अनुसार सर्वपितृ अमावस्या पर श्राद्ध कर्म करने का विशेष महत्व है और यही कारण है कि आज सुबह से ही बड़ी संख्या में घाटों पर लोग तर्पण, पिंडदान आदि करने के लिए लोग पहुंचते रहे। हालांकि घाटों पर लोगों को अव्यवस्थाओं का सामना भी करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी कर्म करने वालों की भीड़ सुबह से ही देखी जा रही है। ज्योतिषियों का यह भी कहना है कि जो लोग सोलह दिनों तक पिंडदान या तर्पण नहीं कर सके, यदि उनके द्वारा आज यह कार्य कर लिया जाए तो भी सोलह दिनों का ही फल उन्हें प्राप्त होता है। गयाकोठा और सिद्धवट पर तो आज सुबह से ही लोगों की इतनी भीड़ थी कि पंडितों को लोगों से अपनी बारी का इंतजार करने के लिए कहा गया। दान धर्म और कर्म करने का यह सिलसिला आज शाम तक चलता रहेगा। इसके अलावा सिद्धवट पर दूध चढ़ाने वालों की भी भीड़ रही। शिप्रा स्नान करने वालों ने गायों को चारा खिलाया तथा ब्राह्मणों को दक्षिणा व दान देकर अमावस्या का पुण्य प्राप्त किया। श्रद्धालुओं ने अपने घरों में भी ब्राह्मणों को भोजन कराया तथा दान दिया। आज सुबह से रामघाट, सिद्धवट घाट, गयाकोठा तालाब पर बड़ी संख्या में लोग अपने पूर्वजों का श्राध्द तर्पण करने पहुंच गए थे। बावन कुंड पर भी अमावस्या के चलते ग्रामीण श्रद्धालओं की भारी भीड़ नजर आ रही थी। इधर गयाकोठा और सिद्धवट पर कल चतुर्दशी के मुकाबले आज और अधिक लंबी कतारें नजर आ रही थी। सिद्धवट पर भी कल की तरह सुबह से दूध चढ़ाने वालों की लंबी कतारें दिखाई दे रही थी।
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