उज्जैन। पूरे प्रदेश के साथ ही जिले में भी शिक्षकों की कमी है और जिले के शासकीय स्कूलों की यदि बात करें तो विषयवार शिक्षकों के पदों में से आधे से अधिक पद रिक्त है। हालांकि प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया आज 17 नवंबर से शुरू होगी। शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि अतिथि शिक्षक एमपी ऑनलाइन पर प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए तैयार किए गए पोर्टल पर जाकर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी कर सकेंगे। प्राथमिक शिक्षक के तहत अतिथि शिक्षकों का रजिस्ट्रेशन आज 17 नवंबर से शुरू होगा। रजिस्ट्रेशन की अंतिम तिथि 24 नवंबर रखी गई है। प्राथमिक शिक्षक की भर्ती प्रक्रिया 17 नवंबर से शुरू होगी 24 नवंबर तक होने वाली इस प्रक्रिया में स्कूल शिक्षा विभाग के जिले सहित 7429, जनजातीय कार्य विभाग में प्राइमरी शिक्षकों के जिले सहित 11098 पद भरे जाएंगे। नवंबर से शुरू होने वाली प्रक्रिया में दिसंबर तक दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया सहित अन्य प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। फरवरी इन पदों पर होने वाली भर्ती की नियुक्त आदेश शिक्षकों को जारी किए जाएंगे। बता दें कि जिले सहित 18527 पदों पर होने वाली प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती में 25 प्रतिशत रिक्तियां अतिथि शिक्षकों के लिए आरक्षित की गई है। इसलिए 24 नवंबर तक अतिथि शिक्षकों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। 31 अक्टूबर को स्कूल शिक्षा विभाग के पोर्टल पर इससे संबंधित प्रक्रिया की जानकारी उपलब्ध करा दी गई है। स्कूल शिक्षा और जनजाति कार्य विभाग की संयुक्त काउंसलिंग की जाएगी। मध्य प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2020 में सफल उम्मीदवारों को मेरिट लिस्ट के आधार पर जगह दी जाएगी। 8 दिसंबर को मेरिट लिस्ट अपलोड की जाएगी 9 से 16 दिसंबर तक दस्तावेज सत्यापन कराना अनिवार्य होगा। जिला स्तर पर दस्तावेज का सत्यापन 21 दिसंबर से 1 जनवरी तक किया जाएगा। जिसके बाद अंतिम चयन सूची जारी की जाएगी।
उज्जैन जिले की स्थिति
जिले में 101 शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल हैं, जिनमें विषयवार शिक्षकों के स्वीकृत 1382 पदों के विरुद्ध 636 भरे हैं और 746 पद रिक्त हैं। बात 718 माध्यमिक स्कूलों की करें तो इनमें विषयवार शिक्षकों के स्वीकृत 2427 पदों के विरुद्ध 1489 भरे हैं और 938 रिक्त हैं। जिन स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं है वहां संकुल स्तर से शिक्षकों को अटैच कर और अतिथि शिक्षकों को रख कर शिक्षकों की पूर्ति करने का प्रयास किया जा रहा है। खास बात यह है कि 2019 के बाद से रोस्टर वार और पद वार शिक्षकों की रिक्तियों की गणना नहीं की गई है। अब जाकर रोस्टर वार और पद वार रिक्तियों की गणना की जा रही है। पोर्टल पर कई प्रधानाध्यापकों और प्राचार्यां ने सही एंट्री नहीं की, जिसके कारण संबंधित स्कूलों में शिक्षकों के सेवानिवृत्त होने या निधन होने के बाद भी रिक्त हुए पदों की जानकारी ही प्रदर्शित नहीं हो पा रही है।
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