मुंबई। महाराष्ट्र के ठाणे जिले का रहने वाला एक मोबाइल दुकान के मालिक को क्रिप्टोकरेंसी धोखाधड़ी में 36 लाख रुपये गंवाने के एक साल बाद पूरी रकम वापस मिल गई है। पुलिस की जांच के दौरान इस धोखाधड़ी में चीनी नागरिकों के शामिल होने की बात सामने आई है।
दुकान के मालिक के साथ धोखाधड़ी
मीरा भायंदर-वसई विरार पुलिस आयुक्तालय के साइबर सेल इस घटना की जांच कर रहे थे। वरिष्ठ इंस्पेक्टर सुजीत कुमार गुंजकर ने बताया कि फरवरी 2022 में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडर्स के साथ व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए जुड़ने के बाद पीड़ित को क्रिप्टोकरेंसी का लालच दिया गया था। ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर के तौर पर एक महिला लगातार उनसे संपर्क में थी। उसी ने पीड़ित को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने और अच्छा रिटर्न का वादा किया था।
लालच की जाल में फंसकर पीड़ित ने 39,596 यूएस डॉलर एक मोबाइल एप के जरिए क्रिप्टोकरेंसी में खर्च कर दिया। पिछले साल मई में व्हाट्सएप ग्रुप बंद हो गया और दुकान का मालिक ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर से संपर्क नहीं कर पा रहा था। अधिकारी ने बताया कि- ‘ग्रुप एडमिनिस्ट्रेटर से संपर्क नहीं होने के बाद पीड़ित को अपने साथ हुए धोखाधड़ी का अंदाजा लगा, जिसके बाद उसने मदद के लिए साइबर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस को एक सेशेल्स-पंजीकृत क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज, ओकेएक्स के बारे में पता चला।’
क्या है क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट
पुलिस को एक संदिग्ध क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के बारे में भी पता चला। क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट एक सॉफ्टवेयर या हार्डवेयर हो सकता है, जिसे कई आकार में प्राप्त किया जा सकता है। शिकायत और पूछताछ के आधार पर, काशीमीरा पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 420 (धोखाधड़ी) और धारा 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था।
साइबर सेल ने इस मामले के निष्कर्षों के साथ स्थानीय अदालत का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने अदालत को सूचित किया कि पीड़ित का पैसा चीनी नागरिक के पास था और जिन नंबरों से पीड़िता से संपर्क किया गया था वे हांगकांग के थे। साइबर सेल द्वारा दी गई दलीलों को देखने के बाद, अदालत ने आदेश दिया कि क्रिप्टोकरेंसी के रूप में 36 लाख रुपये शिकायतकर्ता को वापस कर दिए जाएं।
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