नई दिल्ली । दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में जुलाई महीने में हुई मुठभेड़ के जांच की फ़ाइल सेना ने खोल दी है। सोशल मीडिया के जरिये जांच के घेरे में आये इस एनकाउंटर में सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराने का दावा किया था। अब इनके परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है जिसके बाद सैन्य अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है।
सेना ने 18 जुलाई को जम्मू-कश्मीर के शोपियां में एक मुठभेड़ के दौरान तीन आतंकियों को ढेर किये जाने का दावा किया था।इस एनकाउंटर में मारे गये तीनों लोगों की पहचान सेना ने नहीं बताई थी। मुठभेड़ के बाद सेना ने तीनों शवों को चुपचाप दफना भी दिया था। इसी बीच पुंछ में राजौरी इलाके के कोटरांका में धार सकरी गांव के तीन युवकों के परिजनों ने उनके लापता होने की पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। लापता युवकों में इम्तियाज अहमद (26), इबरार अहमद (18) और इबरार अहमद (21) शामिल हैं। इनके परिवार ने पुलिस को बताया कि तीनों युवकों से आखिरी बार 16 जुलाई को बात हुई थी। ये तीनों युवक मुख्य रूप से सेब और अखरोट के कारोबार से जुड़े थे। अंतिम बातचीत में युवकों ने उन्हें बताया था कि शोपियां के आशिपुरा में किराए का एक कमरा मिल गया है। अगले दिन उसी जगह पर मुठभेड़ हुई और उसके बाद से तीनों के बारे में कोई खबर नहीं है।
पुलिस की जांच-पड़ताल के बीच सोशल मीडिया पर वायरल हुईं शोपियां की इस मुठभेड़ से जुड़ी सूचनाओं पर सेना ने खुद संज्ञान लिया। इस पर सैन्य अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी तो यह एनकाउंटर संदिग्ध लगा। इसलिए अब सेना ने दफन किए गए शवों को निकालकर फिर से पोस्टमार्टम कराने और डीएनए टेस्ट कराने का फैसला लिया है। जांच के घेरे में आई इस मुठभेड़ के बारे में श्रीनगर के रक्षा प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने कहा कि सेना ने सोशल मीडिया पर 18 जुलाई को शोपियां में अभियान से जुड़ी सूचनाओं का संज्ञान लिया है। अभियान के दौरान मारे गए तीन आतंकियों की पहचान नहीं हो पाई थी, इसलिए निर्धारित प्रावधानों के तहत शवों को दफना दिया गया था। सेना मामले की जांच कर रही है और शवों को कब्र से निकालकर उनका डीएनए टेस्ट कराया जायेगा।
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