नागदा। नगर के व्यस्त मार्ग रेलवे स्टेशन रोड पर बुधवार को दो पक्ष आपस में भिड़ गए। विवाद बढ़ता देख मंडी पुलिस मौके पर पहुंची और विवाद शांत कराया। इसके बाद दोनों पक्षों ने अपनी-अपनी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने दोनों पक्षों की रिपोर्ट पर केस दर्ज किया है। विवाद दुकान को लेकर हुआ है। पहले पक्ष के रुपेश पिता बाबुलाल गेलडा निवासी चंद्रशेखर आजाद मार्ग ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी जवाहर मार्ग पर स्वीटस दुकान है। बीती रात परांकुश पिता अनिल शर्मा ने अपने साथियों के साथ मिलकर उनकी दुकान को जेसीबी से नुकसान पहुंचाया था। बुधवार दोपहर 2.30 बजे वे अपनी दुकान का सामान समेट रहें थे। तभी परांकुश ल_ लेकर अपने साथियों व घर की महिलाओं के साथ पहुंचा और उसने दुकान पर रखा खाने का सामान, काउंटर सड़क पर फेंक दिया। जब मैंने सामान फेंकने से मना किया तो परांकुश ने ल_ से मारपीट की। राहुल, गौतम जैन, प्रशांत मेहता, अभिषेक जैन आदि ने बीच-बचाव किया। फरियादी ने बताया कि मारपीट के दौरान उनकी दुकान में रखी 2 लाख रुपए की सिल्लक भी गायब हो गई। साथ ही करीब 3 लाख रुपए का नुकसान हुआ है। पुलिस ने रुपेश की शिकायत पर परांकुश पर धारा 427, 323, 294, 506, 34 में केस दर्ज किया है। इसी तरह दूसरे पक्ष की ममता पति अनिल शर्मा निवासी ओझा कॉलोनी ने शिकायत दर्ज कराई कि दीनदयाल चौक पर उनकी पर्णकुटी नाम से जगह है। इस जगह पर निर्मित दुकान किराएं पर दे रखी है। जिसे राजेंद्र, रुपेश गेलड़ा स्वीट्स दुकान संचालित करते हैं। ममता ने बताया वे करीब 3 से 4 सालों से राजेंद्र व रुपेश को दुकान खाली करने को कह रहे है, लेकिन वे ना तो दुकान खाली कर रहे और ना ही किराया दे रहे। इसीलिए बुधवार को वे पीछे के रास्ते से दुकान में गए तो यहां पहले से मौजूद रुपेश गेलड़ा, राहुल, गौतम ने गाली-गलौज की व ल_ से मारपीट की जिसमें परिजन रवि को चोंट आई। इस दौरान रुपेश, राहुल, गौतम, अभिषेक, जितेंद्र व अन्य ने उन पर पत्थर फेंकना श्ुारू कर दिए। जिसमें ममता के पैर, बहू पूजा के पैर में चोंट आई। पुलिस ने ममता की शिकायत पर रुपेश गेलड़ा, राहुल गेलड़ा, गौतम जैन, अभिषेक जैन, जितेंद्र जैन व उसके अन्य साथियों पर धारा 336, 323, 294, 506 व 34 में केस दर्ज किया है।
चर्चा तो यह भी
घटना में कोई किराएदार को गलत बता रहा है तो कोई दुकान मालिक को। समझौते से पलटना किराएदार की गलती तथा गैरकानूनी रूप से आधी रात में दुकान तोडऩा मालिक की गलती माना जा रहा है। आधी रात में भरी दुकान में तोडफ़ोड़ के बाद भी प्रशासन का ढीली कार्यवाही के चलते चर्चा चलती रही कि उक्त करोड़ों की भूमि का पर्दे के पीछे शहर के प्रभावशाली द्वारा सौदा कर लिया गया है। यही प्रभावशाली व्यक्ति प्रशासन की कार्यवाही को प्रभावित कर रहा है।
आखिर क्यों हुआ विवाद?
विवाद का मुख्य कारण बैठक के बाद आपसी सहमति बनने के बाद उससे मुकरने को माना जा रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार किरायेदार और दुकान मालिक के बीच दुकान खाली करने को लेकर समझौता हो चुका था जिसके तहत ढाई महीने में एडवांस के तहत ली गई राशी के वापसी एवं अन्य लेनदेन के बाद दुकान खाली करना थी। 14 अप्रैल को ढाई माह का समय पूर्ण हो रहा था इसके पूर्व ही किरायेदार द्वारा दुकान खाली न करना पड़े इसलिए कोर्ट में यथास्थिति के लिए आवेदन कर दिया। जिसके लिए मकान मालिक को कोर्ट से 6 अप्रैल की सुनवाई की सूचना जारी हुई। मकान मालिक को लगा कि यदि न्यायालय से यथास्थिति का आदेश जारी हो गया तो दुकान कानूनी पचड़ों में पड़ जाएगी। सम्भवत: इसी डर के चलते ही सुनवाई से एक दिन पूर्व ही इतना बड़ा कदम उठा लिया।
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