लखनऊ (Lucknow) । मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) के शूटर संजीव जीवा के हत्याकाण्ड (Sanjeev Jeeva Murder) की जांच का दायरा नये तथ्य मिलने के साथ बढ़ता जा रहा है। अब जांच की आंच मैनपुरी जेल (Mainpuri Jail) तक पहुंच गई है। यहां काफी समय तक संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा इस जेल में बंद रहा है।
यहां बंद रहने के दौरान उससे मिलने जाने वालों का ब्योरा भी पुलिस ने मंगवाया है। इसके लिए मुलाकाती रजिस्टर का पूरा ब्योरा मंगवाया गया है। पुलिस अफसरों को पता चला है कि जीवा से मिलने उस समय सुलतानपुर का एक पूर्व ब्लॉक प्रमुख एक पूर्व सांसद और पूर्व विधायक को लेकर गया था। फिर ये लोग जीवा से मिलने लखनऊ जेल में भी गये थे। कुछ और तथ्य मिलने के बाद जांच अधिकारी इन लोगों को भी पूछताछ के लिये बुला सकते हैं।
2014 में अलग गैंग बना लिया था जीवा पड़ताल में सामने आया है कि मुख्तार गिरोह के लिये लम्बे समय तक काम करने के बाद जीवा ने अपना अलग गैंग भी बनाना शुरू कर दिया था। उसने कई युवाओं के साथ एक फौज खड़ी कर ली थी।
वर्ष 2014 में उसका एक नया गैंग अंडरवर्ल्ड में दस्तक दे चुका था। इसके बाद ही मुख्तार के विरोधी उसे अपने साथ मिलाने की होड़ में आ गये थे। इसको देखते हुये जीवा ने टेंडर मैनेज करना और जमीन पर कब्जा करवाना शुरू कर दिया था।
यह कुछ गिरोहों को रास नहीं आ रहा था। इसके लिये ही कई माफिया व बाहुबली नेताओं ने उससे सम्पर्क करना शुरू दिया था। यह दौर तब था जब वह मैनपुरी जेल में था। इसके बाद जब वह लखनऊ जेल ट्रांसफर हुआ तो उसने लखनऊ, बाराबंकी, हरिद्वार, समेत कई जगह पर अपना रुतबा बढ़ाना शुरू कर दिया था। इस दौरान ही उसके कई दुश्मन बन गये थे।
कुख्यात जीवा के साथ कई धुरंधर आए
एसटीएफ के एक अधिकारी के मुताबिक जीवा के नये गिरोह में कई धुरंधर थे। उस समय एक शूटर राकेश पाण्डेय ने भी जीवा का हाथ थामा था। हालांकि कुछ समय बाद एसटीएफ ने इसे सरोजनीनगर में मुठभेड़ में ढेर कर दिया था। इस समय उसके साथ दो और लोग साथ आये। इनमें एक मंत्री नंदी पर हमले का आरोपी रहा है और दूसरा गोरखपुर से ताल्लुक रखता है। वह एक बार विधायक भी रह चुका है। हालांकि बाद में इसकी भी जीवा से दुश्मनी हो गई थी।
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