वॉशिंगटन। अमेरिका में 2016 के राष्ट्रपति चुनावों (US President Election) में रूस के दखल को लेकर पूर्व राष्ट्रपित डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) पर आरोप लगा था. कहा गया था कि रूस (Russia) की मदद से ट्रंप ने चुनावों में जीत हासिल की. इस मामले की अमेरिका की कोर्ट में सुनवाई चल रही है. इस बीच विशेष वकील ने हिलेरी क्लिंटन कैंपेन (Hillary Clinton) पर गंभीर आरोप लगाया है. जॉन डरहम (john durham) ने कहा कि ट्रंप टॉवर और बाद में व्हाइट हाउस (White House) में घुसपैठ करके सर्वर से कुछ सूचनाएं एकत्रित की गई थी जिससे यह साबित किया जा सके कि प्रेसिडेंट इलेक्शन में रूस का दखल था और इस काम के लिए एक आईटी कंपनी को रकम दी गई थी.
इस मामले में जॉन डरहम ने 11 फरवरी को एक प्रस्ताव दायर किया है. जो क्लिंटन अभियान के पूर्व वकील माइकल सुस्मान के खिलाफ था. इमसें एक संघीय एजेंट पर गलत बयान देने का आरोप लगाया गया है. वहीं सुस्मान ने उन्हें दोषी नहीं ठहराए जाने का अनुरोध किया है. सुस्मान के खिलाफ अभियोग में कहा गया है कि उन्होंने सितंबर 2016 में तत्कालीन एफबीआई जनरल काउंसेल जेम्स बेकर को 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से दो महीने से भी कम समय पहले बताया था कि वह किसी भी क्लाइंट के लिए काम नहीं कर रहे थे. जब उनसे अनुरोध किया फिर उन्होंने एक बैठक आयोजित की. जिसमें उन्होंने बताया कि, ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन और अल्फ़ा बैंक के बीच कथित डेटा और श्वेत पत्र जो कि कथित तौर पर एक गुप्त संचार चैनल का प्रदर्शन करते हैं और इसका संबंध क्रेमलिन से है. जॉन डरहम ने अपने जवाब में कहा कि सुस्मान के बिलिंग रिकॉर्ड दर्शाते हैं कि उन्होंने रूसी बैंक -1 पर आरोपों लगाने के लिए क्लिंटन अभियान को बार-बार बिल भेजा. यह भी पता चला कि सुस्मान और टेक एक्जीक्यूटिव ने एक अन्य लीगल पार्टनर से मुलाकात की और बात की. जो क्लिंटन अभियान के लिए जनरल काउंसेल के तौर पर कार्यरत था. सूत्रों ने फॉक्स न्यूज को बताया कि यह व्यक्ति वकील मार्क एलियास हैं, जो लॉ फर्म पर्किन्स कोइ में काम करते थे. पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने शनिवार शाम को इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जॉन डरहम का जवाब इस बात का सबूत है कि मेरे चुनाव अभियान और राष्ट्रपति पद की जासूसी कराई गई. इसके लिए हिलेरी क्लिंटन अभियान द्वारा कुछ लोगों को भुगतान किया ताकि वह रूस की मदद से इन चुनावों को जोड़ सकें. ट्रंप ने इस मामले को सन 1973 में हुए वाटरगेट घोटाले से भी बढ़ा बताया है और कहा कि जो लोग इस जासूसी अभियान में शामिल थे और इसके बारे में जानते थे, उन पर आपराधिक मुकदमा चलाया जाना चाहिए.