img-fluid

अल्पसंख्यक स्कॉलरशिप के घोटाला में चौंकाने वाला खुलासा, 25 लाख में से 26% आवेदन फर्जी

December 01, 2023

नई दिल्‍ली (New Dehli)। अल्पसंख्यक (Minority)मामलों के मंत्रालय की अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति योजना (scholarship scheme)के लिए साल 2023 के लिए आवेदन (Application)मंगाए गए। राज्यों के द्वारा 25.5 लाख आवेदकों का सत्यापन (verification)किया गया। जब इसकी जांच की गई तो चौंकाने वाली वास्तविकता सामने आई। आधार आधारित बायोमेट्रिक चेकिंग के दौरान 6.7 लाख से अधिक आवेदक फर्जी पाए गए। आपको बता दें कि 1 लाख से अधिक संस्थागत नोडल अधिकारी (आईएनओ) और इतनी ही संख्या में संस्थानों के प्रमुख (एचओआई) ने आवेदनों को सत्यापित किया था। उनमें से 5,422 आईएनओ और 4,834 एचओआई बायोमेट्रिक जांच के दौरान गायब रहे।


जांच पूरी करने के बाद कुल 18.8 लाख आवेदकों को मंत्रालय द्वारा सत्यापित किया जा सका। जांच से पता चला है कि 2022-23 में नवीनीकरण करवाने वाले 30% आवेदक फर्जी पाए गए। 2021-22 में मंत्रालय को 30 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे जिनमें से 9.1 लाख नवीनीकरण के लिए थे।

आपको बता दें कि यह छात्रवृत्ति संस्थागत नोडल अधिकारी द्वारा सत्यापन के बाद जिला स्तर पर नोडल अल्पसंख्यक अधिकारी के अनुमोदन और उचित जांच के बाद दी जाती है। पैसा लाभार्थियों के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से दिया जाता है।

इस मामले में फर्जीवाड़े की शिकायत सीबीआई से की जाएगी। यह केंद्रीय जांच एजेंसी पहले से ही अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति में गंभीर अनियमितताओं के आरोपों की जांच कर रही है।

टीओआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रीय छात्रवृत्ति पोर्टल पर रजिस्टर्ड 21 राज्यों के 1,572 अल्पसंख्यक संस्थानों की जांच से पता चला कि उनमें से 830 के पास फर्जी लाभार्थी थे। इसके बाद मंत्रालय को जांच सीबीआई को सौंपने के लिए मजबूर होना पड़ा। 2017-18 से 2021-22 के बीच इन संस्थानों द्वारा रजिस्टर किए गए लाभार्थियों को विभिन्न श्रेणियों में छात्रवृत्ति के रूप में लगभग 145 करोड़ रुपये दिए गए।

नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकोनॉमिक रिसर्च (एनसीएईआर) की जांच में छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा हुआ। मंत्रालय ने सार्वजनिक धन के कथित हेरफेर का मामला जुलाई में सीबीआई को सौंप दिया था, लेकिन डेटाबेस की जांच जारी रखी। 2022-23 के लिए आवेदकों की वास्तविकता को सत्यापित करने के लिए एक विशेष अभियान के तहत बायोमैट्रिक जांच का सहारा लिया गया।

Share:

हिंदू पर्व छुट्टी विवाद के बीच एक्टिव हुए राज्यपाल राजेंद्र आर्लेकर, समान कैलेंडर तैयार करने में जुटी कमेटी

Fri Dec 1 , 2023
नई दिल्‍ली (New Dehli)। बिहार (Bihar)शिक्षा विभाग के नए छुट्टी कैलेंडर (calendar)पर हो रहे विवाद के बीच राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर (Governor Rajendra Vishwanath Arlekar)भी एक्टिव (active)हो गए हैं। अब राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में एक समान छुट्टी की तालिका होगी। राज्यपाल सह कुलाधिपति के आदेश के बाद राजभवन ने साल 2024 के लिए एक […]
सम्बंधित ख़बरें
खरी-खरी
गुरुवार का राशिफल
मनोरंजन
अभी-अभी
Archives

©2025 Agnibaan , All Rights Reserved