नई दिल्ली । आंकड़े इस बात की तस्दीक कर रहे हैं कि देश में एक बार फिर कोरोना महामारी (corona Epidemic) की वापसी हो रही है। बुधवार को देश में कोरोना के 2000 नए केस सामने आए। राजधानी दिल्ली (Delhi) में कोरोना केसों में लगातार इजाफा हो रहा है। जिसके बाद बुधवार को अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क अनिवार्य (mask mandatory) कर दिया है। अब कोरोना सैंपलिंग को लेकर चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से मार्च तक दिल्ली में कोविड से मरने वालों के 97 प्रतिशत नमूनों में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट था।
जानकारी के अनुसार, कोरोना से मरने वालों के एकत्र किए गए 578 नमूनों के जीनोम अनुक्रमण से पता चला कि उनमें से 560 में ओमिक्रॉन वैरिएंट था। शेष 18 (तीन प्रतिशत) में डेल्टा सहित कोविड -19 के अन्य वैरिएंट थे। डेल्टा वही वैरिएंट है, जिसने पिछले साल अप्रैल और मई में दूसरी लहर के रूप में प्रचंड रूप दिखाया था।
कुल मिलाकर, मार्च में देश की राजधानी दिल्ली में जीनोम अनुक्रमण प्रयोगशालाओं में विश्लेषण किए गए सभी 504 नमूनों में ओमिक्रॉन वैरिएंट पाया गया। हालांकि ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण फैल रही कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर के दौरान दिल्ली के अस्पताल में भर्ती होने वाले और गंभीर मामले अपेक्षाकृत कम हैं। सरकार के आंकड़ों से पता चला कि अधिकांश घातक घटनाओं में कोरोना वायरस का यह वैरिएंट प्राथमिक कारण नहीं है।
गौरतलब है कि 17 जनवरी तक दिल्ली के अस्पतालों में 15,505 कोविड -19 बिस्तरों में से अधिकतम 2,784 (17.96 प्रतिशत) बेड फुल हो चुके थे। जबकि दूसरी लहर के दौरान 21,839 बिस्तरों में से 20,117 (92 प्रतिशत) 6 मई तक फुल हो गए थे। दिल्ली में एक बार फिर संक्रमण की संख्या में तेजी देखी जा रही है। विशेषज्ञों ने इसके लिए बड़ी संख्या में लोगों को मास्क सहित कोविड-उपयुक्त व्यवहार का पालन नहीं करने के लिए जिम्मेदार ठहराया है।
मास्क न पहनने पर जुर्माना
दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए बुधवार को सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया है और उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने का आदेश दिया है। अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने अपनी बैठक में स्कूलों को बंद नहीं करने का भी निर्णय लिया है लेकिन, विशेषज्ञों के परामर्श से एक अलग मानक संचालन प्रक्रिया के साथ आने का फैसला लिया।
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