केप टाउन । दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में कोरोना वायरस म्यूटेशन (corona virus mutation) का एक हैरान कर देने वाला केस सामने आया है। यहां एक 36 साल की HIV पॉजिटिव महिला को वायरस का इन्फेक्शन 216 दिन तक रहा और इस दौरान वायरस में 30 बार म्यूटेशन हुआ। वायरस के स्पाइक प्रोटीन में 13 बार म्यूटेशन हुआ। स्पाइक प्रोटीन को पहचानकर ही ज्यादातर वैक्सीन वायरस पर असर करती हैं।
यही नहीं, 19 बार हुए म्यूटेशन ने इसे अलग तरह से प्रभावित किया। अभी यह साफ नहीं है कि महिला से ये म्यूटेशन किसी और में भी ट्रांसमिट हुए हैं या नहीं। प्री-प्रिंट जर्नल medRxiv में यह स्टडी गुरुवार को छपी है। लॉज ऐंजिलिस टाइम्स से बातचीत में स्टडी के लेखक टूलियो डि ओलिवीरा ने बताया है कि अगर ऐसे और मामले मिलते हैं तो इससे आशंका नजर आएगी कि HIV इन्फेक्शन नए वेरियंट का सोर्स हो सकता है।
ऐसे मरीजों में वायरस लंबे वक्त तक रहता है जिससे उसे म्यूटेट होने का मौका मिलता है। उन्होंने बताया कि इस केस के बारे में शायद किसी को पता भी न चलता क्योंकि महिला के शुरुआती इलाज के बाद हल्के-फुल्के लक्षण ही थे जबकि वायरस उनके अंदर मौजूद था।
HIV पॉजिटिव लोगों पर स्टडी में मिला केस
इस खास केस का पता तब चला जब महिला 300 HIV पॉजिटिव लोगों पर की गई एक स्टडी में शामिल हुईं। यह भी पाया गया कि चार और लोगों में कोरोना वायरस एक महीने से ज्यादा वक्त के लिए था। इससे पहले सिर्फ एक केस ऐसा आया है जहां लंबे वक्त के लिए HIV पॉजिटिव इंसान में वायरस देखा गया है। ऐसे लोगों में जहां इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जैसे किडनी ट्रांसप्लांट के मरीजों में, उनमें पहले भी लंबे वक्त तक वायरस देखा गया है।
यह रिसर्च कई मायने में अहम साबित हो सकती है। खासकर अफ्रीका के लिए जहां 2020 में 2 करोड़ से ज्यादा लोगों को HIV था। WHO ने शुक्रवार को कोविड के बढ़ते मामलों पर चेतावनी दी है कि यहां तीसरी लहर का खतरा दिखाई दे रहा है।
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