जबलपुर। कोरोना (corona) से पीड़ित लोगों में ब्लैक फंगस (black fungus) की बीमारी देखने को मिली थी लेकिन जबलपुर (Jabalpur) में डेंगू से पीड़ित युवक (youth suffering from dengue) में ब्लैक फंगस (black fungus) संक्रमण दिखाई दे रहा है। यह मामला मध्यप्रदेश का पहला केस (Madhya Pradesh’s first case) माना जा रहा है. जहां पीड़ित की दोनों आंखें इस रोग से प्रभावित हुई हैं. मरीज की प्लेटलेट्स तो नॉर्मल हो गई हैं, लेकिन उसकी आंख के निचले हिस्से में मवाद भर गया है, जिसे दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर निकाला जाएगा. डेंगू के बाद ब्लैक फंगस होने के इस केस को लेकर डॉक्टर भी हैरान हैं।
जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल अस्पताल में एक सप्ताह पहले एक मरीज को भर्ती किया गया था जो डेंगू से पीड़ित था. मरीज के स्वास्थ्य में सुधार हुआ लेकिन इसके बाद उसकी आंखें लाल हो गईं. उसने नेत्र विशेषज्ञ को दिखाया, तो वह भी नहीं समझ पाए. इसके बाद दूसरे नेत्र विशेषज्ञ को दिखाया तो उन्होंने मेडिकल ENT विभाग को रेफर किया था।
डॉक्टर कविता सचदेवा के मुताबिक, पीड़ित का पहले डेंगू का इलाज चला. इस दौरान उसे ब्लैक फंगस की दवा दी जाती रही. अब मरीज का डेंगू पूरी तरह से ठीक हो चुका है. प्लेटलेट्स भी नॉर्मल हैं. जरूरी जांच के बाद उसका ब्लैक फंगस का ऑपरेशन होगा. मरीज की दोनों आंखों के पीछे काफी मवाद भर गया है. उसे नाक के पास दूरबीन विधि से ऑपरेशन कर निकाला जाएगा।
डॉक्टर कविता सचदेवा ने बताया कि ये बीमारी अगस्त तक समाप्त हो जानी थी, लेकिन डेंगू पीड़ित के ब्लैक फंगस होने का केस सामने आना चौंकाने वाला मामला है. मरीज को कोविड भी नहीं हुआ था और न ही उसे शुगर की बीमारी है. डॉक्टरों का मानना है कि युवक ने पहले जहां इलाज करवाया संभवतः वहां के डॉक्टर ने डेंगू के इलाज में कोई ऐसी दवा दी हो, जिसका रिएक्शन हुआ हो. इस कारण पीड़ित ब्लैक फंगस की चपेट में आया हो. या ये भी हो सकता है कि उसे डेंगू से पहले हल्के प्रभाव वाला कोविड हुआ हो और उसे पता ही न चला हो. बहरहाल मरीज की हालत स्थिर है।
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