द न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, मैनहट्टन जूरी ने लेखिका ई. जीन कैरोल को 2019 में बदनाम करने के लिए 83.3 मिलियन डॉलर का भुगतान करने का आदेश दिया। कैरोल ने ट्रंप पर बलात्कार का आरोप लगाया था। इसके बाद ट्रंप ने कैरोल पर सोशल मीडिया पोस्ट के जरिये हमले जारी रखे। जूरी ने लगभग तीन घंटे तक विचार-विमर्श करने के बाद आदेश में कहा कि ट्रम्प ने दुर्भावना से काम किया। कुछ दिन पहले ट्रंप ने एक दिन में अपनी ट्रुथ सोशल वेबसाइट पर कैरोल के बारे में 40 से अधिक उपहासपूर्ण पोस्ट किए।न्यायाधीश लुईस ए कपलान ने शाम करीब 4:30 बजे फैसला सुनाया। इसके बाद अदालत कक्ष में सन्नाटा छा गया। जैसे ही आदेश पढ़ा गया ट्रंप के वकील अपनी सीटों पर गिर पड़े। इसके बाद जूरी को बर्खास्त कर दिया गया और 80 वर्षीय कैरोल ने अपने वकीलों को गले लगा लिया। कुछ मिनट बाद, वह अपनी कानूनी टीम के साथ हाथ में हाथ डाले अदालत से बाहर निकलीं और कैमरों की ओर देखकर मुस्कुराईं।