नई दिल्ली। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) (Jharkhand Mukti Morcha (JMM)) के राष्ट्रपति पद के चुनाव (presidential election) में एनडीए उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (NDA candidate Draupadi Murmu) को समर्थन देने के ऐलान से विपक्ष (Opposition) को झटका लगा है। झारखंड में झामुमो और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है। ऐसे में उम्मीद थी कि झामुमो विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेगा।
झामुमो की घोषणा के बाद कांग्रेस ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ रिश्तों पर विचार करने के लिए शुक्रवार को रांची में बैठक बुलाई है। इसमें राजनीतिक हालत पर चर्चा होगी। करीब एक माह में यह दूसरा मौका है, जब झारखंड मुक्ति मोर्चा ने कांग्रेस को झटका दिया है।
राज्यसभा चुनाव में भी दिया था झटका
राज्यसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा ने एकतरफा निर्णय करते हुए अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी थी। जबकि इस सीट पर कांग्रेस अपनी दावेदारी जता रही थी। उस वक्त भी कांग्रेस ने अपने तेवर दिखाए थे, पर गठबंधन बरकरार रहा।
कांग्रेस के तेवर सख्त
झामुमो के द्रौपदी मुर्मू को समर्थन के ऐलान के बाद कांग्रेस ने एक बार सख्त तेवर दिखाए हैं। प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने सभी कांग्रेस मंत्रियों की बैठक बुलाई है, ताकि आगे की रणनीति पर चर्चा की जा सके।
मालूम हो कि राष्ट्रपति पद के चुनाव में एनडीए द्वारा आदिवासी समुदाय से ताल्लुक रखने वाली द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाए जाने के बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे कि झामुमो उनका समर्थन कर सकता है। द्रौपदी मुर्मू के नाम के ऐलान के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की थी।
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